पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने केंद्रीय महिला कर्मचारियों के लिए पेंशन को लेकर अहम घोषणा की है। बुधवार को मंत्रालय ने कहा कि महिलाओं की पेंशन से जुड़े नए प्रावधान लाए जा रहे हैं। अब, ऐसे मामलों में जहां महिलाओं ने विवादित विवाह किया है या अपने पतियों के खिलाफ कोई कानूनी मामला दायर किया है, महिला कर्मचारी अपने बच्चों को अपनी पेंशन के लिए लाभार्थियों के रूप में नामित कर सकती हैं। पहले, महिला सरकारी कर्मचारी की मृत्यु की स्थिति में, पति या पत्नी को पारिवारिक पेंशन दी जाती थी। हालिया घोषणा के साथ, बच्चों को भी पेंशन लाभ के लिए नामांकित किया जा सकता है, जो महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से एक प्रगतिशील निर्णय है।

अगर कोर्ट में चल रहा है तलाक का केस:
सरकार के निर्णय के अनुसार, यदि कोई महिला सरकारी कर्मचारी तलाक के मामले में शामिल है, तो वह पारिवारिक पेंशन प्राप्त करने के लिए अपने पति या पत्नी का नाम पेंशन नामांकन से हटा सकती है और अपने बच्चों का नाम जोड़ सकती है। यह प्रावधान तब भी लागू होता है जब महिला ने अपने पति के खिलाफ घरेलू हिंसा या किसी भी प्रकार के उत्पीड़न का मामला दर्ज कराया हो।

बच्चों के लिए प्राथमिकता:
इसके अलावा, सरकार की घोषणा के बाद, यदि किसी महिला का पति जीवित है, और उनका केवल एक बच्चा है, तो बच्चे को पारिवारिक पेंशन के लिए प्राथमिकता दी जाएगी। सरकार का मानना है कि यह निर्णय महिलाओं के लिए अधिक आत्मनिर्भरता और समर्थन में योगदान देगा। उल्लेखनीय है कि यह निर्णय महिला कर्मचारियों द्वारा मंत्रालय को उनके बच्चों को पेंशन के लिए नामांकित करने की वकालत करने वाले कई पत्रों और ईमेल के जवाब में आया है। सरकार और मंत्रालय को प्राप्त फीडबैक पर विचार करते हुए यह निर्णय लेने के लिए प्रेरित किया गया।

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