पूरी दुनिया में कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। 2020 में इस बीमारी से 10 लाख लोगों की मौत हो चुकी है। ट्यूमर तब विकसित होता है जब शरीर में मौजूद कोशिकाएं किसी हिस्से में असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं। जो कैंसर का रूप ले लेता है। कैंसर भी कई प्रकार के होते हैं। इन्हीं में से एक है पैंक्रियाटिक कैंसर, जो शरीर में मौजूद पैंक्रियाज में विकसित होता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, पैंक्रियाटिक कैंसर के शुरूआती लक्षण पैरों में दर्द के साथ सूजन आना है। लेकिन ज्यादातर लोग इसे दूसरी समस्या समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। अगर किसी व्यक्ति में ये लक्षण हैं तो उन्हें भी कैंसर की जांच करानी चाहिए। इसके अलावा पेशाब का ज्यादा पीला होना और त्वचा में खुजली होना भी पैंक्रियाटिक कैंसर के लक्षण हैं।

डॉक्टरों का कहना है कि यह कैंसर बेहद खतरनाक है। जीवित रहने की दर केवल 6 प्रतिशत है। ऐसा इसलिए क्योंकि लोगों को इस कैंसर के लक्षणों के बारे में पता ही नहीं होता है। इस वजह से ज्यादातर मामले एडवांस स्टेज में सामने आते हैं। ऐसे में इलाज एक बड़ी चुनौती बन जाता है।

कैंसर विशेषज्ञ डॉ. अनुराग कुमार का कहना है कि मोटापे और डायबिटीज से पीड़ित लोगों में पैंक्रियाटिक कैंसर का खतरा ज्यादा होता है। कई अध्ययन बताते हैं कि टाइप-2 डायबिटीज से पीड़ित लोगों में इस कैंसर का खतरा एक साल के बाद बढ़ जाता है। इसीलिए मोटे और मधुमेह के रोगियों को अपने पैरों में ये लक्षण विकसित होने पर तुरंत कैंसर की जांच करानी चाहिए। स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखने की कोशिश करें। खान-पान पर ध्यान दें। ऐसा करने से मोटापा और डायबिटीज दोनों कंट्रोल में रहेंगे।

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