भारतीय सरकार ने कई दिनों पहले आप जनता को आदेश दिए थे कि वो अपना आधार कार्ड और पैन कार्ड लिंक करने के आदेश दिए थे, जिसक लिए कई मौके भी प्रदान किए थे, कई बार समयसीमा भी बढ़ाई थी, इसके बावजूद कई लोगो ने इस कार्य को पूरा नहीं किया, पैन और आधार को लिंक करना सभी नागरिकों के लिए आवश्यक है, क्योंकि ऐसा न करने पर वे बैंकिंग और अन्य वित्तीय गतिविधियों का संचालन नहीं कर पाएंगे, अब सरकार उन लोगो से पैसा लेना शुरू कर दिया हैं जिन्होनें अपना आधार और पैन कार्ड लिंक नहीं कराया हैं।

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यदि पैन को आधार से लिंक नहीं किया जाता है, तो पैन कार्ड निष्क्रिय हो जाएगा। यह निष्क्रियता उपयोगकर्ताओं को विभिन्न वित्तीय लेनदेन करने और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने से रोकती है।

शुरुआती समयसीमा से चूकने वालों के लिए 500 रुपये का जुर्माना लगाया गया था, जिसकी नई समयसीमा जून 2022 तय की गई थी। जून 2022 के बाद जुर्माना बढ़ाकर 1,000 रुपये कर दिया गया और समयसीमा मार्च 2023 तक बढ़ा दी गई।

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इन उपायों के बावजूद, कई लोगों ने अभी भी अपने पैन और आधार को लिंक नहीं किया, जिसके कारण शुल्क में कोई और वृद्धि किए बिना जून 2023 तक एक और विस्तार किया गया। अब तक, जो लोग अपने पैन कार्ड को निष्क्रिय होने से बचाना चाहते हैं, उन्हें लिंकिंग प्रक्रिया को पूरा करने के लिए 1,000 रुपये का शुल्क देना होगा।

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पैन और आधार कार्ड को लिंक करने के लिए विलंब शुल्क से 2,125 करोड़ रुपये की भारी भरकम राशि एकत्र की गई है। यह दर्शाता है कि लाखों व्यक्तियों ने अपने पैन और आधार को लिंक करने के लिए विलंब शुल्क का भुगतान करके सरकारी खजाने में हजारों करोड़ रुपये का योगदान दिया है।

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