pc: YouTube

महाभारत का युद्ध जब खत्म हो गया तब पांडव अपनी विजय के बाद धृतराष्ट्र और गांधारी से मिलने पहुंचे। उस समय गांधारी को बेहद क्रोध आ रहा था क्योकिं कौरवों के वध के कारण वह बेहद गुस्से में थी।

गांधारी से पांडवों से दुर्योधन वध के बारे में सवाल पूछे। उनका जवाब देते हुए भीम ने कहा-अगर मैं दुर्योधन को नहीं मारता तो वह मेरा वध कर देता।

फिर गांधारी ने दुशासन के खून पीने पर सवाल उठाए तो भीम ने कहा उसने द्रौपदी का अपमान किया था तब मैंने ये प्रतिज्ञा ली थी। इसी कारण मैंने ऐसा किया।

इसके बाद युधिष्ठिर गांधारी से बात करने के लिए आगे आए। तब गांधारी ने अपनी आँखों पर लगी पट्टी खोल दी और उनकी दृष्टि युधिष्ठिर के पैरों पर पड़ी।

कहते हैं इससे युधिष्ठिर के पैर के नाखून काले हो गए थे। इस से सभी पांडव हैरान रह गए। लेकिन जब गांधारी का क्रोध शांत हो गया. तो उन्होंने पांडवों को आशीर्वाद दिया।

Related News