आपने आज तक भूतों से जुडी कई कहानियां सुनी होगी। आज हम आपको एक ऐसी ही कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे सुन कर आप हैरान रह जाएंगे। हम आपको एक ऐसे स्कूल के बारे में बताने जा रहे हैं जहाँ पर भूत पढ़ते हैं और उन्हें पढ़ाने वाले टीचर भी भूत ही हैं। जी हाँ आपने सही सुना /ये स्कूल उत्तराखंड में है। यहाँ पर पढ़ाई रात के 12 बजे बाद शुरू होती है। बताया जाता है कि कई साल पहले इस स्थान पर मरने वाले लोगों की आत्मायें छात्र और शिक्षक के रूप में नजर आती हैं।

60-65 साल पहले वहां पर रहने वाला एक व्यक्ति श्वेतकेतु वहां से रात में गुजर रहा था तभी उसने इमारत से रौशनी आती देखी। जबकि तब वहां पर लाइट की भी व्यवस्था नहीं थी। श्वेतकेतु अपनी दुकान बंद करके देर रात घर लौट रहे थे। उसने सोचा कि यहाँ पर लाइट का इंतजाम कैसे हो गया। इस बात को जानने के लिए वह उस स्थान पर पहुंच गए। उसके बाद वहां का नजारा देख उनके होश उड़ गए। श्वेतकेतु ने देखा कि पुराने हो चुके उस खंडहर भवन में कुछ लोग पढ़ते और कुछ लोग पढ़ा रहे हैं। लोग बेहद ही डरावने थे। उनकी आंखें बिल्लियों तरह चमक रही थी। वे आपस में चीखते और चिल्लाते हुये पढ़ और पढ़ा रहे थे।


उस डरावने दृश्य को देख वह हक्के बक्के रह गए और जल्दी घर पहुंचे। उन्होंने सुबह ये बात अपने पिता को बताई। तब उनके पिता ने उनको बताया कि साल 1952 में समाज सेवक एम. राघवन ने छोटे बच्चों के एक स्कूल को बनाने लिए चंदा एकत्र कर बस्ती से बाहर एक छोटा सा भवन बनवाया, जिसमे बच्चे पढ़ सकें।

उनका सपना साकार हो गया और वहां पर स्कूल बन भी गया और उसमें पढ़ाई लिखाई भी शुरू हो गई। लेकिन एक दिन जब स्कूल का वार्षिक उत्सव था तब स्टूडेंट्स और टीचर्स एनुअल फंक्शन की तैयारी में लगे थे। दोपहर बारह बजे के आसपास तीव्र गति का भूकंप आ गया और दुर्भाग्यवश स्कूल की छत धरासायी हो गई। इस कारण कई स्टूडेंट्स और टीचर्स इसके नीचे दब कर मर गए।

हादसे के कुछ दिन बात स्कूल की छत की मरम्मत कर फिर से पढ़ाई शुरु कर दी गई। वहां पर अजीबोगरीब घटनांए और अकाल मृत्यु होने लगी। एक बार उस स्कूल में एक बच्चा लंच कर रहा था, तो अचानक किसी ने उसका लंच बॉक्स उठाकर उसके सर पर दे मारा। जिस से उसे सिर पर गहरा घाव हुआ।

ऐसी ही घटना टीचर के साथ भी हुई। टीचर क्लास में पढ़ा रहे थे तभी उन्हें लगा कि क्लास में कोई घुसा और उनके कंधे पर बैठकर उनके कान पकड़कर खींचने लगा। टीचर दर्द से कराहने लगे। अजीब घटनाओं के बाद स्कूल को बंद कर दिया गया और आज ये खंडहर में बदल चूका है। यहाँ पर आज भी कई आत्माएं हैं। अब वह स्थान लोगों के लिए उपेक्षित स्थान बन गया है. आम लोग वहां जाने से डरने लगे हैं।

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