रामायण की यह कथा सभी जानते हैं कि सीता स्वयंवर के समय भगवान श्रीराम ने शिव धनुष तोड़ा था, इसके बाद सीता ने श्रीराम के गले में वरमाला डाली थी। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भगवान श्री कृष्ण ने भी शिव धनुष तोड़ा था? जी हां, इस स्टोरी में हम आपको भगवान श्री कृष्ण द्वारा शिव धनुष तोड़ने की रोचक कथा बताने जा रहे हैं।

हिंदू धर्मशास्त्रों के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण ने भगवान विष्णु के आठवें अवतार के रूप में पृथ्वी पर जन्म लिया था। कथा के मुताबिक, जब म​थुरा के राजा कंस ने श्रीकृष्ण के हत्या की योजना बनाई तब उसने अक्रूरजी को नंदगांव भेजकर श्रीकृष्ण और बलराम को धनुष यज्ञ में शामिल होने का न्यौता दिया। कंस के बुलावे पर श्रीकृष्ण अक्रूरजी के साथ धनुष यज्ञ में शामिल होने के लिए मथुरा आए।

धनुष यज्ञ के आयोजन में भगवान शिव का धनुष रखा हुआ था। इस दौरान श्रीकृष्ण ने धनुष को उठाने की इच्छा जताई। इसके बाद वहां मौजूद सभी योद्धा हंसने लगे कि यह बालक इस शिव धनुष को कैसे उठा सकता है।

फिर क्या था, बालक श्रीकृष्ण ने खेल-खेल में ही शिव धनुष को उठा लिया और प्रत्यंचा चढ़ाते ही वह धनुष टूट गया। कंस ने जब धनुष के टूटने का समाचार सुना तो वह घबड़ा गया। इस भविष्यवाणी को मथुरा की जनता भी जानती थी कि जो इस शिव धनुष को जो उठा लेगा, उसी के हाथों कंस का वध होगा। अब मथुरा की जनता में हर्ष का माहौल व्याप्त हो गया। जनता को यह अहसास हो गया कि अब कंस का वध करने वाला मथुरा में आ चुका है। इस घटना के अगले ही दिन श्रीकृष्ण ने भरी सभा में कंस का वध कर दिया तथा मथुरा की जनता को उसके अत्याचारों से मुक्त करवाया।

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