नीलगिरी को एक औषधीय पौधे के रूप में जाना जाता है। यूकेलिप्टस का इस्तेमाल कई तरह से किया जाता है। ऐसे यूकेलिप्टस को गर्म क्षेत्रों के पौधे के रूप में भी जाना जाता है। इस पौधे का उपयोग औषधीय पौधे के रूप में भी किया जाता है। इसके माध्यम से तेल, औद्योगिक तेल, औषधीय तेल बनाया जाता है। आइए जानें कि इस नीलगिरी से बने तेल से किन-किन बीमारियों का इलाज किया जा सकता है।

अगर आप गठिया से पीड़ित हैं तो इसके लिए यूकेलिप्टस का तेल एक बेहतरीन उपाय का काम करता है। नीलगिरी के तेल और जैतून के तेल को बराबर मात्रा में लेकर गठिया पर मलने से गठिया का रोग कम हो जाता है। साथ ही जले हुए स्थान पर नीलगिरी के तेल की मालिश करने से घाव जल्दी भर जाता है।


ब्रोंकाइटिस और अगर आप कई दिनों से अस्थमा से पीड़ित हैं तो नीलगिरी का तेल एक बेहतरीन उपाय है। नीलगिरी की जड़ रेचक होती है और नीलगिरी की छाल में टैनिन होता है, इसलिए यह नीलगिरी का तेल नाक की शिकायतों में उपयोगी है।
बढ़ती उम्र के चर्म रोगों में भी नीलगिरी का तेल उपयोगी साबित होता है।

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