नई मुसीबत सामने , ना डायबिटीज ना कोरोना, फिर भी ब्लैक फंगस की चपेट में आ गए 32 लोग
भारत के लिए बड़ी तबाही बने कोरोना वायरस के कहर से निकलने के बाद कई मरीज म्यूकरमाइकोसिस यानी ब्लैक फंगस की चपेट में आ रहे हैं। कोरोना मरीजों के लिए ये नई बीमारी बड़ा सिरदर्द बन गई है। लेकिन हाल में उससे भी अधिक डराने वाली खबर सामने आई है। दरअसल पंजाब में अब तक ब्लैक फंगस के 158 से ज्यादा मरीज सामने आ चुके हैं। लेकिन इनमें से 32 मरीज ऐसे हैं जिन्हें कभी भी कोरोना का संक्रमण नहीं हुआ था। इस बात से आम लोगों की चिंता बढ़ गई है।
अब तक तो यही माना जा रहा था कि जिन लोगों को कोरोना हुआ था उन्हें इलाज के दौरान स्टेरॉयड दिए गए, जिस वजह से उन्में ब्लैक फंगस का संक्रमण फैला। लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि ये 32 मरीज ऐसे हैं जिन्हें दूसरी बीमारियों के इलाज के दौरान स्टेरॉयड दिए गए थे।
आम तौर पर जिन लोगों में इम्यूनिटी बहुत कम होती है, म्यूकोरमाइकोसिस उन लोगों को तेजी से अपना शिकार बनाती है। कोरोना के दौरान या फिर ठीक हो चुके मरीजों का इम्यून सिस्टम बहुत कमजोर होता है इसलिए वो आसानी से इसकी चपेट में आ जा रहे हैं। खासतौर से कोरोना के जिन मरीजों को डायबिटीज है, शुगर लेवल बढ़ जाने पर उनमें म्यूकोरमाइकोसिस खतरनाक रूप ले सकता है।