दोस्तों, हिंदू पंचांग के मुताबिक, 24 नवंबर, दिन शनिवार से अगहन मास (मार्गशीर्ष) शुरू हो रहा है। अगहन का महीना 22 दिसंबर, शनिवार तक रहेगा। धर्मशास्त्रों में मार्गशीर्ष यानि अगहन मास को भगवान श्रीकृष्ण का स्वरूप माना गया है। ऐसे में इस महीने साधारण शंख को भी पांचजन्य शंख के समान समझकर पूजा-अर्चना करने से जातक को मनोवांछित फल प्राप्त होते हैं।

शंख की पूजा करते समय निम्नलिखित मंत्र का उच्चारण करें

त्वं पुरा सागरोत्पन्न विष्णुना विधृत: करे।

निर्मित: सर्वदेवैश्च पाञ्चजन्य नमोऽस्तु ते।

तव नादेन जीमूता वित्रसन्ति सुरासुरा:।

शशांकायुतदीप्ताभ पाञ्चजन्य नमोऽस्तु ते॥

अगहन महीने में सभी देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना करते समय शंख की भी पूजा करें। आइए जानें, इस माह शंख पूजा करने से कौन से पुण्य लाभ मिलते हैं।

- शंख को भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी का भी प्रतीक माना जाता है। इसलिए इसकी पूजा करने से देवी लक्ष्मी अति प्रसन्न होती हैं। जो व्यक्ति नियमित रूप से शंख की पूजा करता है, उसे कभी धन की कमी नहीं होती है।

- विष्णु पुराण में वर्णित है कि समुद्र मंथन के समय शंख प्रकट हुआ था, इसलिए देवी लक्ष्मी का भाई भी है शंख। मान्यता है शंख पूजा करने से भक्तों को सभी सुखों की प्राप्ति होती है।

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