कार्तिक अमावस्या के दिन दिवाली का पावन पर्व मनाया जाता हैं जो बड़ा त्यौहार हैं। इस से एक दिन पहले ही कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को छोटी दिवाली के रूप में मनाया जाता हैं। इसे नरक चतुर्दशी और रूप चतुर्दशी के तौर पर भी जाना जाता हैं।इस दिन आप कुछ उपाय आजमा सकते हैं जो आपकी किस्मत बदल सकते हैं। आज इस कड़ी में हम आपको नरक चतुर्दशी के दिन किए जाने वाले उपायों की जानकारी देने जा रहे हैं लक्ष्मी जी आपके घर में वास करेगी।

- नरक चतुर्दशी के दिन सबसे पहले लाल चंदन, गुलाब के फूल व रोली के पैकेट की पूजा करें इसके बाद आपको इसे एक लाल कपड़ें में बांधकर तिजोरी में रख देना है। इस से आपको धन की प्राप्ति होगी।

- नरक चतुर्दशी के दिन सूर्योदय से पहले उठ कर स्नान कर लेना चाहिए। इसके बादयमराज का तर्पण करके तीन अंजलि जल अर्पित करना चाहिए।

- इस दिन स्नान से पहले शरीर पर तिल्ली के तेल से मालिश जरूर करनी चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन तिल्ली के तेल में लक्ष्मी जी का और जल में गंगा जी का निवास होता हैं। इसके अलावा आपको तेल लगाने से पगले शरीर में उबटन भी लगाना चाहिए। जल में हल्दी और कुमकुम डालकर स्नान करना सर्वोत्तम माना है।

- लिंग पुराण के अनुसार इस दिन उड़द के पत्तों के साग से युक्त भोजन करने से व्यक्ति सभी पापों से मुक्त हो जाता है।

- नरक चतुर्दशी के दिन शाम को घर के मुख्य द्वार के दोनों ओर 4 बत्तियों का दीपक जलाकर धर्मराज का ध्यान करते हुए पूरब दिशा की ओर मुख करके दीप दान करना चाहिए।

- सनत कुमार संहिता के अनुसार नरक चतुर्दशी के दिन यमराज के निमित दीप दान करने से पितरों को भी स्वर्ग का मार्ग दीखता है और उनको नरक से मुक्ति मिलती है।

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