इंटरनेट डेस्क। सावन महीने के शुक्ल पक्ष का पांचवा दिन नाग पंचमी के रूप में मनाया जाता है जो कि इस साल 15 अगस्त को है। यह दिन नाग देता की पूजा करने के लिए शुभ माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि नाग देवता की पूजा करने से भोलेनाथ भी प्रसन्न होते है। इस दिन को देश के कुछ हिस्सों में गरुड़ पंचमी के नाम से भी जाना जाता है।

इस बार नाग पंचमी पर स्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है और ज्योतिषों के अनुसार इस दिन की गई सभी पूजा सफल होती है। इस दिन रुद्राभिषेक करना बेहद शुभ माना जाता है। इसके अलावा सावन के महीने में आने के कारण इस दिन शिव जी की पूजा भी की जाती है। इस बार नाग देवता की पूजा करने का शुभ समय सुबह 5:54 से 8:30 बजे तक होगा।

घर पर नागपंचमी की पूजा करने के लिए सबसे पहले शिवलिंग पर फूल चढ़ाएं। शिवलिंग पर तांबे का सांप रखें और इसके बाद शिवलिंग और नाग देवता का जलाभिषेक करें।

अब शिवलिंग और नाग देवता का दुग्धाभिषेक करें। अब दोनों पर चंदन का तिलक लगाएं और पुष्पमाला चढ़ाएं।

इसके बाद देवी देवताओं को फल का भोग लगाएं और आरती करें। आरती के लिए शुद्ध घी का दीपक ही जलाएं।

नाग पंचमी का दिन काल सर्प पूजा करने के लिए शुभ माना जाता है। इस दिन पूजा करने से आपको इस दोष के नकारात्मक प्रभावों से भी छुटकारा मिलता है।

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