इंटरनेट डेस्क। भारत में मानसून की अवधि चार महीने यानी जून से सितम्बर तक मानी जाती है। इस साल की बात की जाए तो भारत में मानसून सामान्य रहने की संभावना जताई जा रही है।

जानकारी के अनुसार बताया जा रहा की मानसून हर बार की तरह इस बार भी इंतजार करवा सकता है। बता दें कई इलाकों में मानसून के कारण भीषण गर्मी का असर देखा जा रहा है। गर्मी मेंं लोगों का बाहर निकली ही मुश्किल हो गया है। देखा जाए तो राजस्‍थान मे अभी भी बाहरी गर्मी दे दस्‍तक दी है।

राजस्‍थान ही ऐसीे कई इलाके है। तो इस भीषण गर्मी की चपेट में आए है। वैसे मानसून धीरे-धीरे भारतीय सीमा के भीतर फैल रहा है। भारत पुर्व इलाकों के कुछ हिस्सों तक मानसून पहुंच गया है। वही उत्तरपश्चिमी क्षेत्र के हिस्सों में मानसून के पहुंचने की उम्मीद है।

वहीं केरल में मानसून अब अपना असर दिखाने लगा है। उत्तर भारत के कई हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य के आसपास रहा। और कर्नाटक से बारिश के चलते कई इलाकों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बदलते मानसून के से कई इलाकों में जनजीवन अस्त-व्यस्त है।

भारत के तटीय इलाकों में मानसून दस्तक दे चुका है। मानसून के आने से यहां नदियां उफान पर है। कई जगहों पर बारिश शुरू हुई है जिससे तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। मानसून धीरे-धीरे भारत के भीतर फैल रहा है। भारत के दक्षिण मैदानी इलाकों के कुछ हिस्सों तक मानसून पहुंच गया है।

आपको बात दें भारत में सबसे ज्‍यादा मानसून मासिनराम (मेघालय) मे होता है। वहीं भारत के दक्षिण-पश्चिम तट पर आनी वाली हवाओं को कहते हैं जो भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश आदि में भारी वर्षा करातीं हैं।

माना जाता है की मानसून भारत के दक्षिण-पश्चि क्षेत्र सबसे पहले आने की संभावना होती है। खास कर के केरल राज्‍य में। मानसून केरल में अपना जलवां अधिक दिखाता है।

भारत में मॉनसून कई बार हिमालय की ओर आने वाली हवाओं पर निर्भर करता है। जब ये हवाएं भारत के दक्षिण पश्चिम तट पर पश्चिमी घाट से टकराती हैं तो भारत तथा आसपास के देशों में भारी वर्षा होती है।

Related News