मंकीपॉक्स वायरस के मरीजों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। यह वायरस अब दुनिया के ज्यादातर देशों में पहुंच चुका है। जैसे-जैसे उसके मरीज बढ़ते हैं, वैसे-वैसे उसके नए लक्षण भी बढ़ते जाते हैं। अभी तक इसके मुख्य लक्षण छाले और अन्य फ्लू जैसे लक्षण ही रहे हैं, लेकिन हाल ही में ई-क्लिनिकल मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में कुछ नए लक्षण सामने आए हैं।

शोधकर्ताओं के मुताबिक कुछ समय पहले रिसर्च के दौरान चेचक के दिमाग पर पड़ने वाले असर की जांच की गई थी। साथ ही चेचक का टीका लगाने वाले लोगों में भी वायरस का प्रभाव देखा गया। इस दौरान लोगों में कई तरह की स्नायविक जटिलताएं देखी गईं। इसके बाद वैज्ञानिकों ने मंकीपॉक्स का दिमाग पर पड़ने वाले असर को जानने की कोशिश की। इस बीच यह पाया गया कि मंकीपॉक्स से पीड़ित 2-3% लोग दौरे (दौरे) और मस्तिष्क की सूजन (एन्सेफलाइटिस) से गंभीर रूप से बीमार हो जाते हैं। यहां आपके लिए यह जानना जरूरी है कि एन्सेफलाइटिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें रोगी को जीवन भर के लिए अपंग किया जा सकता है।

Monkeypox in Delhi: दिल्ली में मंकीपॉक्स वायरस का एक और शिकार, धीरे-धीरे  बढ़ रहे हैं मामले | Zee Business Hindi
इस शोध के दौरान मंकीपॉक्स पर अन्य अध्ययनों के आंकड़ों की भी जांच की गई। वैज्ञानिकों ने कहा कि इससे कुछ मरीजों में भ्रम की स्थिति पैदा हुई। इतना ही नहीं, इस बीमारी से पीड़ित कई लोगों को सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और थकान जैसे न्यूरोलॉजिकल लक्षणों का भी अनुभव हुआ। हालांकि, शोध ने यह नहीं दिखाया है कि ये लक्षण कितने समय तक चलते हैं। चिंता और अवसाद जैसी मानसिक समस्याओं वाले रोगियों के प्रतिशत पर शोध की आवश्यकता है।

Related News