Microplastics in Body: अब शरीर में माइक्रोप्लास्टिक का पता लगाएंगे वैज्ञानिक,विकसित हुआ नया मॉडल
शोधकर्ताओं ने एक नया मॉडल विकसित किया है जो बताता है कि जीवन भर में हम कितने माइक्रोप्लास्टिक के संपर्क में आते हैं|। यह मॉडल दुनिया के अलग-अलग देशों में अलग-अलग स्रोतों से माइक्रोप्लास्टिक के संपर्क में आने का अनुमान लगा सकता है|। इससे जुड़ा शोध अमेरिकन केमिकल सोसाइटी के जर्नल एनवायरनमेंटल साइंस एंड टेक्नोलॉजी में प्रकाशित हुआ है|।
इस मॉडल के लिए शोधकर्ताओं ने 134 अध्ययनों की मदद ली है, जिनसे मछली, घोंघे, क्रसटेशियन, नल या बोतलबंद पानी, बीयर, दूध, नमक और हवा में मौजूद माइक्रोप्लास्टिक की मात्रा का पता लग सके।
उन्होंने इन शोधों के आंकड़ों में सुधार किया है जिससे उनकी तुलना की जा सके| इसके बाद टीम ने विभिन्न देशों में विभिन्न आयु वर्ग के हिसाब से भोजन की खपत के आंकड़ों का विश्लेषण किया है जिससे यह पता लग सके कि वो कितनी मात्रा में माइक्रोप्लास्टिक को निगल रहे हैं।