मेटाबॉलिक सिंड्रोम ऐसी स्थितियों का एक समूह है जिससे आपमें हृदय रोग, स्ट्रोक और टाइप-2 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। नींद से लेकर व्यायाम की कमी की स्थिति, आपमें मेटाबॉलिक समस्याओं को बढ़ावा दे सकती है। सभी उम्र के लोगों को इसे ठीक रखने के उपाय करते रहना चाहिए।

इसका कारण यह है कि मेटाबॉलिज्म की दर ठीक होने से आपके शरीर में विषाक्त पदार्थों और वसा को आसानी से कम करने में मदद मिल सकती है। तेज मेटाबॉलिज्म के माध्यम से हमारा शरीर मल त्याग, श्वसन और पेशाब के माध्यम से विषाक्त पदार्थों से बाहर निकालता है इसिलए आपकी मेटाबॉलिज्म दर जितनी अधिक होगी, शरीर उतना ही स्वस्थ होगा।

बैठने के दौरान मांसपेशियां शिथिल रहती हैं वहीं खड़े रहने पर मांसपेशियों की सक्रियता बनी रहती है। यदि आपकी डेस्क जॉब है, तो थोड़ी-थोड़ी देर पर आसपास घूम लें। ज्यादा देर तक खड़े रहने की आदत आपके लिए नुकसानदायक हो सकती है। इसी तरह अच्छी नींद लेना सुनिश्चित करें। नींद का समय निर्धारित करें और रोजाना उसी समय पर सोने की आदत बनाएं, ऐसा करके आप मेटाबॉलिज्म को ठीक रख सकते हैं।

सभी स्वास्थ्य विशेषज्ञ,मेटाबॉलिज्म दर को ठीक रखने के लिए नियमित व्यायाम की सलाह देते हैं। यह न सिर्फ मेटाबॉलिज्म दर को ठीक रखने में सहायक है साथ ही इस आदत से आपमें कई गंभीर बीमारियों जैसे हृदय रोग, डायबिटीज और गठिया की समस्या का खतरा भी कम हो जाता है। रिपोर्ट के मुताबिक सभी को धीरे-धीरे व्यायाम की शुरुआत करनी चाहिए और रोजाना 20-30 मिनट के अभ्यास की आदत बनानी चाहिए । शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए सप्ताह में कम से कम 150 मिनट का व्यायाम जरूर करना चाहिए।

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