कोरोना महामारी के बाद मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं काफी बढ़ गई हैं। बड़ों से लेकर बच्चों (बच्चे) तक इस समस्या का सामना कर रहे हैं। अगर आप भी चिंता, अकेलापन महसूस करना, किसी काम में एकाग्रता की कमी और बिना वजह मानसिक तनाव का अनुभव कर रहे हैं तो इस पर जरूर ध्यान दें। ये सभी खराब मानसिक स्वास्थ्य के शुरुआती लक्षण हैं। अगर समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ सकता है। जिससे शरीर में और भी कई बीमारियां पनप सकती हैं।

इंटरनल मेडिसिन डॉक्टर अजीत कुमार का कहना है कि खराब मानसिक स्वास्थ्य से भी हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है। मानसिक तनाव के कारण होने वाली सूजन उच्च रक्तचाप का कारण बनती है, जिससे दिल का दौरा पड़ सकता है। यदि कोई व्यक्ति हमेशा चिंता या मानसिक तनाव में रहता है, तो यह उसकी जीवन शैली को खराब कर देता है। जिससे शरीर में मोटापे की समस्या बढ़ने लगती है। मोटापा उच्च बीएमआई का कारण बनता है और शरीर पर गंभीर प्रभाव डालता है।अधिक वजन भी हृदय रोग का कारण बनता है।

कोविड के बाद देखा जा रहा है कि लोगों में हार्ट अटैक के मामले बढ़े हैं। इसका एक बड़ा कारण मानसिक स्वास्थ्य का बिगड़ना है। चिंता की बात यह है कि बड़ी संख्या में युवा इस समस्या का शिकार हो रहे हैं। खराब मानसिक स्वास्थ्य से शरीर में तनाव बढ़ता है। इसके कारण, कोर्टिसोल हार्मोन अक्सर अधिक उत्पादन होता है और चयापचय अच्छा नहीं होता है।

इस हार्मोन के अत्यधिक उत्पादन के कारण व्यक्ति को अधिक मीठा और वसायुक्त भोजन खाने की आदत भी पड़ जाती है। जिससे शरीर का वजन बढ़ने लगता है। द लैंसेट मेडिकल जर्नल में 2020 में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, खराब मानसिक स्वास्थ्य से टाइप-2 मधुमेह हो सकता है। कई मरीज जिनका मानसिक स्वास्थ्य ठीक नहीं था। उनका ब्लड शुगर लेवल हाई पाया गया है। कई मरीज प्री-डायबिटिक स्टेज में भी देखे जाते हैं।

Related News