Marriage Registration- शादी का रजिस्ट्रेशन होता है बेहद जरूरी, जानिए शादी के कितने दिन बाद कर सकते हैं आवेदन और कैसे
दोस्तो शादी दुनिया का सबसे पवित्र बंधन होता हैं, जिसमें दो अनजान व्यक्ति एक दूसरे के साथ जीवन जीने की कस्में खाते हैं, भारत में, विवाह करने की प्रक्रिया धार्मिक प्रथाओं के आधार पर भिन्न हो सकती है, लेकिन समारोह चाहे जो भी हो, कानूनी पंजीकरण एक महत्वपूर्ण कदम हैं, आज हम इस लेख के माध्यम से आपको इसका महत्व और कैसे कर सकते हैं रजिस्ट्रेशन इसके बारे में बताएंगे-
विवाह पंजीकरण क्यों महत्वपूर्ण है
विवाह पंजीकरण केवल एक औपचारिकता नहीं है; यह आपकी वैवाहिक स्थिति का कानूनी प्रमाण है। यह आधिकारिक दस्तावेज़ विभिन्न उद्देश्यों, जैसे कानूनी मामलों, वीज़ा के लिए आवेदन करने और अपनी पहचान साबित करने के लिए अमूल्य हो सकता है।
विवाह प्रमाणपत्र कैसे प्राप्त करें
ऑनलाइन सेवाओं के आगमन के साथ, भारत में विवाह प्रमाणपत्र प्राप्त करना अधिक सुविधाजनक हो गया है, आइए जानते हैं इसकी प्रक्रियां-
प्रासंगिक वेबसाइट पर जाएँ:
आप अपने राज्य के नगर निगम की वेबसाइट या राष्ट्रीय सरकारी सेवा पोर्टल के माध्यम से विवाह प्रमाणपत्र के लिए आवेदन कर सकते हैं।
आवश्यक दस्तावेज तैयार करें:
आयु प्रमाण: पति और पत्नी दोनों के जन्म प्रमाण पत्र या 10वीं कक्षा की मार्कशीट।
पहचान: दोनों पति-पत्नी के आधार कार्ड।
फोटो: प्रत्येक पति-पत्नी की चार पासपोर्ट आकार की तस्वीरें।
विवाह की तस्वीरें: विवाह समारोह की दो स्पष्ट तस्वीरें जिसमें दोनों पति-पत्नी दिखाई दे रहे हों।
विवाह निमंत्रण कार्ड: विवाह कार्ड की एक प्रति।
अपना आवेदन जमा करें:
इन दस्तावेजों को ऑनलाइन या स्थानीय रजिस्ट्रार के कार्यालय में जाकर जमा करें। जिन क्षेत्रों में रजिस्ट्रार उपलब्ध नहीं है, वहां आपको ग्राम अधिकारी के कार्यालय में जाना पड़ सकता है।
आवेदन की समयसीमा
नवविवाहित जोड़े को विवाह के 30 दिनों के भीतर विवाह पंजीकरण के लिए आवेदन करना चाहिए। हालाँकि, यदि यह अवधि छूट जाती है, तो आप 5 साल की अवधि के भीतर भी आवेदन कर सकते हैं, हालाँकि विलंब शुल्क के साथ। शुरुआती 30 दिनों से अधिक के आवेदनों के लिए, आपको जिला रजिस्ट्रार से अनुमोदन प्राप्त करना होगा।