विवाह पंचमी के दिन उपासना करने से दूर होती है वैवाहिक बाधाएं, जानिए कब है यह तिथि ?
दोस्तों, हिंदू पंचाग के मार्गशीर्ष महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को भगवान श्रीराम और माता सीता का विवाह संपन्न हुआ था। तभी से इस तिथि को विवाह पंचमी पर्व के रूप में मनाया जाता है। आपको बता दें कि इस वर्ष विवाह पंचमी की तिथि 12 दिसंबर दिन बुधवार को है। यह पर्व उत्तरी भारत, मिथिलांचल और नेपाल में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।
दोस्तों, मिथिला नरेश जनक की पुत्री सीता और अयोध्या के चक्रवर्ती सम्राट दशरथ के पुत्र श्रीराम के विवाह की गाथा विभिन्न हिंदू धर्म ग्रंथों में वर्णित है। बता दें कि विवाह पंचमी पर्व भगवान श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या में पूरे र्षोल्लास के साथ मनाई जाती है। मान्यता है कि विवाह पंचमी तिथि पर भगवान श्रीराम और माता सीता की उपासना करने से विवाह संबंधी बाधाएं दूर होती हैं तथा मनचाहे जीवनसाथी की प्राप्ति होती है।
विवाह पंचमी तिथि पर रामचरितमानस के बालकांड में राम-सिया विवाह के प्रसंग का पाठ करना शुभकारी माना गया है। इस दिन प्रात:काल स्नान आदि करकें भगवान राम और माता सीता के चित्र की स्थापना करें। इसके बाद श्रीराम को पीले तथा माता सीता को लाल वस्त्र अर्पित करें। तत्पश्चात ॐ जानकीवल्लभाय नमः का जाप करें। माता सीता और भगवान राम का गठबंधन करके उनकी आरती करें। गांठ लगे वस्त्रों को अपने पास सुरक्षित रख लें।