भगवान गणपति से ही संभव थी महाभारत की रचना, महर्षि व्यास ने बताई यह असली वजह
दोस्तों, आपको बता दें कि बुधवार का दिन भगवान गणेश का दिन माना गया है। मान्यता है कि बुधवार के दिन भगवान गणपति की पूजा-अर्चना करने से जातक को शुभ फल की प्राप्ति होती है। अगर आप सच्ची श्रद्धा के साथ भगवान गणेश की रोज आराधना करते हैं, तो निश्चित रूप से आपकी हर मनोकामना पूरी होगी।
इस स्टोरी में हम आपको भगवान गणेश से जुड़ी एक ऐसी कथा का वर्णन करने जा रहे हैं, जो निश्चित रूप से प्रेरणादायी और रोचक है।
आपको बता दें कि महाग्रंथ महाभारत की रचना के लिए महर्षि व्यास ने भगवान गणपति से निवेदन किया। रचना कार्य शुरू होने पर महर्षि व्यास बोलते गए और भगवान गणेश लिखते गए। इस प्रकार महाभारत की रचना संभव हो सकी।
महाभारत की रचना पूरी होने पर महर्षि व्यास ने भगवान गणपति से कहा - मैंने करीब 24 लाख शब्द बोलकर आपसे लिखवाए, लेकिन आश्चर्य है आप एक शब्द भी नहीं बोले तथा चुपचाप लिखते रहे।
इसके बाद गणेश जी ने जो उत्तर दिया उसे थोड़ा ध्यान से पढ़ें- बड़े काम संपन्न करने के लिए शक्ति चाहिए और शक्ति का आधार संयम है। संयम ही समस्त सिद्धियों का प्रदाता है। यदि मैंने अपनी वाणी पर संयम नहीं रखा होता तो यह महाग्रंथ कैसे तैयार होता।