Lifestyle: मानसून के मौसम में अपने चेहरे की देखभाल करते समय इन बातों का रखें खास ध्यान
Lifestyle: हर मौसम में त्वचा अपनी देखभाल चाहती है. मुँहासे मुख्य रूप से बारिश के मौसम में लोगों को प्रभावित करते हैं। इसके अलावा कुछ लोगों की त्वचा रूखी हो जाती है। इसके साथ ही धूल, गंदगी, प्रदूषण और जमी हुई गंदगी का भी त्वचा पर बुरा असर पड़ता है। बरसात के मौसम में ज्यादातर लोगों को मुंहासों की समस्या हो जाती है। और इसीलिए आपको बरसात के मौसम में अपने चेहरे की देखभाल के लिए कुछ बातों का ध्यान रखने की जरूरत है। अक्सर लोग सही जानकारी के अभाव में कई गलतियां कर बैठते हैं। जिससे चेहरे पर पिंपल्स का खतरा बढ़ जाता है।यहां पांच गलतियां हैं जो जाने-अनजाने हर कोई करता है लेकिन चेहरे पर इसका बुरा असर पड़ता है।
1. पानी ज्यादा से ज्यादा पीना चाहिए
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार जो लोग कम पानी पीते हैं, उनका चेहरा बेजान और रूखा हो सकता है। इसलिए दिन में 3 से 4 लीटर पानी पीने की सलाह दी जाती है। यह रंगत में सुधार करता है।
2. साबुन से चेहरा न धोएं
साबुन त्वचा में जलन पैदा कर सकता है। ऐसे में इसका इस्तेमाल चेहरा धोने के लिए नहीं करना चाहिए। आपको यह ध्यान रखना होगा कि सामान्य साबुन का पीएच स्तर 9 और 11 के बीच होता है, जो त्वचा के पीएच स्तर को 5 और 7 के बीच बढ़ा देता है। इससे त्वचा संबंधी कई समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है।
3. लंबे समय तक एक ही उत्पाद का उपयोग न करें
हम देखते हैं कि ज्यादातर लोग उन्हीं उत्पादों का इस्तेमाल करते हैं, जो पिंपल्स से लड़ने में मदद करते हैं, लेकिन बढ़ती उम्र के साथ त्वचा की बनावट भी बदल जाती है, ऐसे में त्वचा का ज्यादा ख्याल रखना चाहिए। इसलिए जरूरी है कि आप ऐसे उत्पाद का इस्तेमाल करें जो आपकी त्वचा के प्रकार के अनुकूल हो।
4. मोबाइल को बार-बार न छुएं
आपके फोन की स्क्रीन बैक्टीरिया का घर है, इसके लगातार इस्तेमाल से चेहरे पर असर पड़ता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक मोबाइल फोन की स्क्रीन में भी गंदगी होती है, इसलिए इसे बार-बार साफ करना चाहिए।
5. चेहरे को बार-बार न छुएं
कई लोगों को बार-बार चेहरा छूने की आदत होती है। कुछ लोग अपने गंदे हाथों से बार-बार चेहरे को छूने की कोशिश करते हैं या मुंहासे तोड़ने की कोशिश करते हैं। हाथों से चेहरे को ज्यादा छूने से त्वचा पर ज्यादा तेल, कीटाणु और गंदगी फैलती है।
(नोट: इस लेख में शामिल विषय प्रारंभिक जानकारी पर आधारित हैं। यह सलाह दी जाती है कि स्वास्थ्य संबंधी कोई भी प्रयोग या निर्णय लेने से पहले किसी अनुभवी चिकित्सक या क्षेत्र के विशेषज्ञ से सलाह लें।)