इंटरनेट डेस्क। रामायण हिन्दू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण महाकाव्यों में से एक है और इसमें वर्णित कहानियां और पात्रों से सभी लोग अच्छी तरह परिचित है। रामायण में कुछ ऐसे पात्र जिन्होंने भगवान राम को पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करने के उद्देश्य को पूरा करने में मदद करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आज हम आपको रामायण के एक ऐसे ही पात्र लक्ष्मण की पत्नी 'उर्मिला' की कहानी बताने जा रहे है जिसके बारे में आप शायद ही जानते होंगे।

आप ये सब तो जानते ही होंगे की स्वयंवर में शिव का धनुष उठाने के बाद भगवान राम का विवाह माता सीता के साथ हुआ था। उसी दिन लक्ष्मण का विवाह उर्मिला, भरत का विवाह मांडवी और शत्रुघ्न एक विवाह श्रुतकीर्ति से हुआ था। जब भगवान राम और माता सीता वनवास के लिए जा रहे थे तो राम के छोटे भाई लक्ष्मण भी उनके साथ वन में गए थे। ऐसा कहा जाता है कि लक्ष्मण पुरे वनवास के दौरान नहीं सोये थे।

वनवास के पहले दिन जब लक्ष्मण नहीं सोये तो निद्रा की देवी उनके सामने प्रकट हुई और नहीं होने का कारण पूछा। लक्ष्मण ने कहा कि भाई और भाभी की रक्षा करना उनकी जिम्मेदारी है और वह इसी वजह से नहीं सोना चाहते है। अपने भाई और भाभी के प्रति इतनी श्रद्धा देखकर निद्रा देवी ने उनसे कहा कि अगर कोई और व्यक्ति उनकी जगह सोने के लिए तैयार हो जाए तो वह उन्हें पूरे वनवास के दौरान नहीं सोने की शक्ति प्रदान करेगी।

लक्ष्मण जानता था की इसके लिए उनकी पत्नी उर्मिला आसानी से सहमत हो जाएगी इसलिए लक्ष्मण ने इसके लिए निद्रा देवी को उर्मिला का नाम सुझाया और उर्मिला भी इसके लिए तैयार थी तो निद्रा देवी ने उनको आवश्यक शक्तियां प्रदान की। इसके बाद लक्ष्मण वनवास में 14 वर्षों तक जागते रहे थे और उनकी जगह उनकी पत्नी उर्मिला 14 वर्ष तक सोती रही थी।

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