Lakhpati Didi Yojana: क्या है लखपति दीदी योजना, जिसकी संख्या 3 करोड़ पहुंचाने का है लक्ष्य
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश के लिए अंतरिम बजट (यूनियन बजट 2024) पेश कर दिया है. अपने भाषण में उन्होंने खास तौर पर महिलाओं पर फोकस करते हुए कहा कि सरकार आधी आबादी को मजबूत करने के लिए हर कदम उठा रही है. इस दौरान वित्त मंत्री ने लखपति दीदी योजना का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी सरकार लखपति दीदी को प्रोत्साहन दे रही है. एक करोड़ लखपति दीदियों को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे उनकी संख्या तीन करोड़ हो जाएगी। आइए जानें क्या है लखपति दीदी योजना और क्या हैं इसके फायदे...
लखपति दीदी योजना क्या है:
महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए मोदी सरकार ने लखपति दीदी योजना की शुरुआत की है. इस योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से वंचित पृष्ठभूमि की महिलाओं को आगे लाना है। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि लखपति दीदी योजना ने 9 करोड़ महिलाओं के जीवन में बदलाव लाया है, जिससे वे आत्मनिर्भर बनी हैं।
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लखपति दीदी योजना केलाभ:
वित्तीय ज्ञान कार्यशालाएँ: महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए व्यापक वित्तीय साक्षरता कार्यशालाएँ आयोजित की जाती हैं। ये कार्यशालाएँ बजट, बचत, निवेश और बहुत कुछ के बारे में जानकारी प्रदान करती हैं।
बचत के लिए प्रोत्साहन: यह योजना महिलाओं को उनकी बचत के लिए प्रोत्साहन देकर बचत करने के लिए प्रेरित करती है।
माइक्रोक्रेडिट सुविधाएं: इस योजना के तहत महिलाओं को माइक्रोक्रेडिट सुविधाएं प्रदान की जाती हैं, जिससे उन्हें छोटे ऋण तक पहुंच मिलती है।
कौशल विकास पर ध्यान: यह योजना कौशल विकास और व्यावसायिक प्रशिक्षण पर जोर देती है। उद्यमी बनने की इच्छुक महिलाओं को अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए मार्गदर्शन दिया जाता है।
वित्तीय सुरक्षा: लखपति दीदी योजना में नामांकित महिलाओं को वित्तीय सुरक्षा प्राप्त होती है। पर्याप्त बीमा कवरेज प्रदान किया जाता है, जिससे उनके परिवारों की सुरक्षा बढ़ती है।
डिजिटल बैंकिंग को बढ़ावा: इस योजना में महिलाओं को भुगतान के लिए डिजिटल बैंकिंग सेवाओं, मोबाइल वॉलेट और अन्य डिजिटल प्लेटफार्मों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
सशक्तिकरण कार्यक्रम: इस योजना के अंतर्गत विभिन्न सशक्तिकरण कार्यक्रम संचालित किये जाते हैं, जिससे महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ता है।
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लखपति दीदी योजना पर प्रतिक्रियाएँ:
ग्लोबल टैक्सपेयर्स ट्रस्ट के चेयरमैन और जीएसटी शिकायत निवारण समिति के सदस्य मनीष खेमका के मुताबिक, मोदी सरकार का बजट आत्मविश्वास से भरा है. यह बजट युवाओं, करदाताओं और गरीबों को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। गौरतलब है कि सरकार पर राजस्व का बोझ नहीं बढ़ेगा और हम 2070 तक नेट जीरो का अपना लक्ष्य हासिल कर लेंगे। मध्यम आय और नौकरीपेशा करदाताओं को पुरानी कर मांगों से राहत मिलेगी, जो एक महत्वपूर्ण निर्णय है।
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