मरते हुए दानवीर कर्ण को कृष्ण ने दिए थे 3 वरदान
महाभारत कथा में कर्ण ना सिर्फ एक शूरवीर योद्धा माना जाता है, बल्कि वह अपने योद्धा गुणों से भी कहीं बढ़कर दानवीर माना जाता है। इतिहास में शायद इतना बड़ा दानवीर कोई और नहीं हुआ, किंतु मरते हुए कर्ण को उसके इसी गुण ने अपने जीवन काल में अधर्म का साथ देने के बावजूद मोक्ष की प्राप्ति कराई। कृष्ण ने कर्ण की मृत्यु के अंतिम क्षणों में उसे तीन वरदान दिए थे और मृत्यु पश्चात उन्होंने स्वयं कर्ण का दाह-संस्कार किया था।
सभी जानते हैं कि कृष्ण भगवान विष्णु के अवतार थे और जिसका अंतिम संस्कार स्वयं जगत के पालक कर रहे हों उसे तो स्वर्ग और मोक्ष के प्राप्ति होनी ही थी।
कर्ण ने वरदान रूप में अपने साथ हुए अन्याय को याद करते हुए भगवान कृष्ण के अगले जन्म में उसके वर्ग के लोगो के कल्याण करने को कहा। - दूसरे वरदान रूप में भगवान कृष्ण का जन्म अपने राज्य लेने को माँगा और तीसरे वरदान के रूप में अपना अंतिम संस्कार ऐसा कोई करे जो पाप मुक्त हो।