शिरडी के साईं बाबा से जुड़ी ये 8 बातें जानकर उनके प्रति बढ़ जाएगी आपकी श्रद्धा
महाराष्ट्र के शिरडी में साईं बाबा का एक आलीशान मंदिर मौजूद है। चाहे गरीब हो या अमीर दुनिया के कोने-कोने से लोग साईं बाबा के दर्शन करने इनके दरबार में जरूर पहुंचते हैं। मान्यता है कि जो भी शख्स इनके दरबार में पहुंचता है, वह खाली हाथ नहीें लौटता है। उसकी सभी मुरादें पूरी होती हैं। इस स्टोरी में हम आपको साईं बाबा के बारे में कुछ ऐसी बातें बताने जा रहे हैं, जिन्हें बहुत कम लोग जानते होंगे।
1- आपको जानकारी के लिए बता दें कि शिरडी के साईं बाबा का जन्मस्थान और जन्म की तारीख तथा उनका वास्तविक नाम कोई नहीं जानता है। साईं बाबा पर करीब 40 किताबें लिखी जा चुकी हैं।
2- शिरडी में साईं बाबा का पवित्र मंदिर उनकी समाधि के ऊपर बनाया गया है। इस मंदिर का निर्माण 1922 में किया गया था। 16 साल की उम्र में ही साईं बाबा शिरडी आए थे तथा समाधि में लीन होने तक यहीं रहे।
3- साईं बाबा के मंदिर सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि अमेरिका, ब्रिटेन, पाकिस्तान और हॉन्गकॉन्ग जैसे देशों में भी हैं। शिर्डी का साईं मंदिर भारत के सबसे अमीर मंदिरों में से एक है।
4- साईं बाबा लगभग 5 सालों तक नीम के पेड़ के नीचे रहे, इस दौरान वे कभी-कभी शिर्डी के आसपास के जंगलों में घूमने चले जाया करते थे।
5- साईं बाबा हमेशा जरूरतमंदों और गरीबों की सहायता करते थे, जिसे लोग चमत्कार का नाम देते थे। लेकिन साईं बाबा ने कभी भी कुछ दिखावे के लिए नहीं किया।
6- साईं बाबा मंदिरों में अल्लाह के बारे में गाते थे और मस्ज़िदों में जाकर ईश्वर की आराधना किया करते थे। साईं के लिए परमात्मा एक ही था।
7- साईं बाबा फकीरों की जिंदगी जीते थे और लोगों को धार्मिक ग्रंथों से उपदेश देते थे। साईं किस धर्म से वास्ता रखते थे, यह आज तक कोई नहीं जान पाया।
8- माना जाता है कि साईं बाबा का जन्म ब्राह्मण परिवार में हुआ, इसलिए कुछ लोग उन्हें ब्राह्मण कहते हैं। लेकिन साईं के मुताबिक, उन्हें एक फ़क़ीर ने लगभग पांच सालों तक इस्लामिक आस्था से पाला था।
यह किस्सा भी गजब का है
कहा जाता है कि एक बार शिरडी में साईं बाबा के कुछ भक्तों ने उनकी तस्वीर लेने की इजाजत मांगी। इसके बाद साईं ने मना कर दिया। बहुत विनती करने पर उन्होंने केवल अपने पैरों की तस्वीर लेने की हामी भरी। इसके बाद भक्तों ने उनकी पूरी तस्वीर खींच ली। लेकिन डेवलप करने के बाद तस्वीर में केवल उनके पैर ही आए।