कलावा जिसे मौली कहते हैं, सनातन धर्म में कलावा, केवल धार्मिक कारण से नहीं बल्कि वैज्ञानिक कारणों से भी बांधना शुभकारी है। आइये जानते है मौली बांधने के कुछ फायदे:

कलावा का धागा कच्चे सूत से तैयार किया जाता है और यह कई रंगों जैसे, लाल, पीला, सफेद या नारंगी रंगों का होता है, यह एक कलर थेरेपी का काम करता है, इसे बांधने से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार बना रहता है।

वैज्ञानिक तथ्यों के अनुसार कलाई पर जहां कलावा बांधा जाता है, शरीर के उस हिस्से से शरीर के कई प्रमुख अंगों तक पहुंचने वाली नसें गुजरती हैं। इसलिए ऐसे में रक्त संचार सुचारु और कलावा के जरिए सकात्मक ऊर्जा का संचार पूरे शरीर में होता रहता है।

कलावा, कलाई की नसों को दुरुस्त रखता है। कलावा बांधने से कलाई की नसों में रक्त का संचार अच्छे होने की वजह से रक्तचाप, हृदय रोग, मधुमेह और लकवा जैसे गंभीर रोगों से काफी हद तक सुरक्षा मिलती है।

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