इंटरनेशनल न्यूज मीडिया एसोसिएशन ने स्वास्थ्य एजेंसियों और चिकित्सा विशेषज्ञों का हवाला देते हुए कहा कि प्रिंट अखबार, पत्रिका, पत्र या पैकेज के माध्यम से प्रेषित होने वाले कोरोना वायरस के लिए कोई रिकॉर्ड या कोई सबूत नहीं है। उन्होंने बताया कि बेशक समाचार पत्र स्याही और छपाई जैसी कई प्रक्रिया से गुजरते हैं लेकिन अखबार के माध्यम से कभी भी कोरोनो वायरस संक्रमित होने की सूचना नहीं मिली है।

यूएस नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ, द सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन एंड प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन से पता चला था कि कोरोनो वायरस चिकनी, गैर-छिद्रपूर्ण सतहों पर सबसे लंबे समय तक रहता है।

अध्ययन में पाया गया है कि कोरोना वायरस एरोसोल, प्लास्टिक, स्टेनलेस स्टील, कॉपर और कार्डबोर्ड के अलावा तांबे के माध्यम से फैलता है।

आमतौर पर कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। इसके अलावा खुली हवा में खांसने या छींकने से, संक्रमित व्यक्ति से हाथ मिलाने या गले लगने से, किसी संक्रमित वस्तु या सतह को छूने से।

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