Pitru Paksha : जानिए श्राद्ध के दौरान कैसे करें तर्पण
हिन्दू पंचांग की माने तो भाद्रपद मास की पूर्णिमा तिथि से आश्विन मास की अमावस्या तक पितरों की पूजा की जाती है। इस दौरान तर्पण करना शुभ माना जाता है।
ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति श्राद्ध के दौरान तर्पण करता है, वह अपने पूर्वजों की मृत्यु तिथि के अनुसार पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करता है और हमेशा उनके साथ रहता है। जो व्यक्ति ऐसा करता है वह अपने पूर्वजों और पूर्वजों को प्रसन्न करता है, व्यक्ति के जीवन की सभी बाधाओं को दूर करता है। अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि इस दौरान ट्रैपन कैसे किया जाता है।
ऐसा कहा जाता है कि जिस दिन पितृ देव की पूजा की जाती है उस दिन परिवार को बिना साबुन लगाए स्नान करना चाहिए। उसके बाद बिना प्याज-लहसुन डाले आप अपने पुरखों का पसंदीदा खाना बनाकर एक प्लेट में रख लें. अब उसके बाद भी पानी रख दीजिये. अब हाथ में पानी लेकर उसे प्लेट में तीन बार घुमाएं। इसके बाद पितरों का ध्यान करें और उन्हें प्रणाम करें। इसी के साथ दक्षिणा रख कर किसी ब्राह्मण को दान कर दें. इस दिन तेल लगाना, नाखून काटना, बाल कटवाना और मांस और शराब का सेवन वर्जित है। कहते हैं इस दिन पितृ को प्रसन्न करना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से वे आपको आशीर्वाद देंगे और जीवन में आगे बढ़ने में मदद करेंगे.