नवरात्रि के साथ ही साल के सबसे बड़े त्योहारी सीजन की शुरुआत हो जाती है, नवरात्रि में लोग व्रत, पूजा-पाठ से मां दुर्गा को प्रसन्न करते हैं और व्रत में खानपान का खास ध्यान रखना होता है, इस दौरान लोग साबूदाना का सेवन बड़े शौक से करते हैं, क्योंकि इस दौरान इसे खाने की मनाही नहीं होती है,तो सेवन करने से पहले, एक बार जान लीजिए इसे फैक्ट्रियों में कैसे तैयार किया जाता है और ये कितना शुध्द है।

वैसे ये कैसे बनता है ये सवाल कहीं न कहीं हर किसी के मन में रहता है, बता दें कि साबूदाना को सागो पाम नाम के पेड़ से बनाया जाता है इसकी खेती दक्षिण अफ्रीका में ज्यादा होती है, लेकिन बताया जाता है कि ये पेड़ अफ्रीका का होता है।


साबूदाना को बनाने के लिए सबसे पहले पेड़ के तने से गूदे को निकाला जाता है फिर इस गूदे को बड़े-बड़े बर्तनों में डालकर इसमें ज्यादा मात्रा में पानी मिलाया जाता है और कई दिनों तक ऐसे ही छोड़ दिया जाता है फिर गूदे को निकालकर पानी में डालने की प्रक्रिया को महीनों बाद दोहराया जाता है।


फिर पानी में रखे हुए साबूदाना को अब मशीन में डाला जाता है और अच्छे से मिक्स किया जाता है और फिर मिक्स करने के बाद मशीन से ही गूदे को आकार दिया जाता है. छोटी-छोटी गोलियों वाला साइज देने के बाद साबूदाने को ग्लूकोज और स्टार्च से बने पाउडर से पॉलिश किया जाता है।

इसकी शुद्धता पर अक्सर सवाल उठते हैं और इसका अहम कारण है इसे काफी दिनों तक पानी में रखना, जो लोगों में ये सवाल पैदा है कि इतने दिनों तक पानी में रहने से इसमें कीड़े भी पड़ सकते हैं और इसे घर में तैयार करना आसान नहीं है और अमूमन हम सभी को इसे दुकानों से ही लेना पड़ता है, लेकिन खाने के लिए तैयार होने के बाद इसका स्वाद दोगुना होता है।

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