अंतिम संस्कार अलग अलग धर्मों में अलग अलग तरह से किया जाता है और इसके अपने अलग रीती रिवाज भी है। ईसाई और मुस्लिम धर्म में शव को दफनाया जाता है तो हिंदू धर्म में शव को जलाया जाता है। वहीं भारत में किन्नरों के भी अंतिम संस्कार के अपने अलग तरिके हैं। आज हम आपको बताने जा रहे है कि कसी किन्नर की मृत्यु हो जाती है तो उसके शव के साथ क्या किया जाता है।

जब किन्‍नर समाज में किसी की मृत्‍यु होती है तो उसकी आत्मा को आजाद करने की प्रक्रिया की जाती है। इसके लिए दिवंगत के शव को सफेद कपड़े में लपेट दिया जाता है। ये भी ध्यान रखा जाता है कि शव पर कुछ भी बंधा हुआ न हो। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि द‍िवंगत की आत्‍मा आजाद हो सके।


किन्‍नर समाज में किसी की मौत पर दुःख प्रकट करने के बजाय जश्न मनाया जाता है क्योकिं उनके अनुसान उसे नर्क रुपी जन्म से उस समय मुक्ति मिल जाती है। सकी मुक्ति के लिए अपने आराध्‍य देव अरावन को धन्‍यवाद देते हैं। साथ ही प्रार्थना करते हैं कि दोबारा उसे किन्‍नर रूप में जन्‍म न दें

किन्‍नर समुदाय शव यात्रा निकालने से पहले शव को जूते-चप्‍पलों से पीटते हैं। इसके अलावा इनकी शवयात्रा रात में निकाली जाती है। इसके पीछे यह कहा जाता है कि अगर किसी गैर किन्‍नर ने किन्‍नर का शव देख लिया तो वह द‍िवंगत किन्‍नर दूसरे जन्‍म में फिर से किन्‍नर ही बनेगा।

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