काठ-कुनी एक पारंपरिक तकनीक है, जिसमें न सीमेंट का इस्तेमाल किया जाता है और न ही लोहे का,पारंपरिक तकनीक काठ-कुनी में सिर्फ लकड़ी और पत्थर का इस्तेमाल किया जाता है इसलिए इस तकनिकी से बने घर बहुत सुंदर लगते हैं।

इस तकनीक से मकान बनाने वालों का कहना है कि लकड़ी और पत्थर के कारण बाहर कितनी ही ठंड पड़े लेकिन घर के अंदर का माहौल काफी हद तक गर्म रहता है।

हिमाचल में यात्रियों को लुभाने के लिए अब होटल के मालिक इस पारंपरिक तरीके से घरों का निर्माण कर रहे हैं, जिसे वे होम स्टे का नाम देते हैं और इसमें इस्तेमाल होने वाली अधिकतर लकड़ियां पुरानी होती हैं, जिन्हें रीसाइकिल करके इस्तेमाल में लिया जाता है।

भले ही काठ-कुनी तकनीक से बने हुए हजारों लकड़ी के घर हिमाचल में मौजूद हो, लेकिन ऐसे घर उत्तर भारत के और भी कई राज्यों में मौजूद हैं,आप हिमाचल के अलावा उत्तराखंड में बने हुए इन घरों में स्टे कर सकते हैं।

इसलिए हिमाचल भले ही घूमने के लिहाज से एक फेवरेट टूरिस्ट डेस्टिनेशन हो, लेकिन यहां पुराने जमाने की ऐसी कई चीजें मौजूद हैं जो बहुत ही रोचक और सुन्दर है।

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