Jyotish Tips- पचंक में भूलकर भी ना करें ये काम, कंगाली का हो जाएंगे शिकार
ज्योतिष शास्त्र हिंदू धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण होता हैं, ज्योतिष शास्त्र से हमें पता चलता हैं कि हमारे लिए कौनसा समय सही हैं और प्रगती, उन्नती पाने के लिए कौनसा मुहूर्त सही हैं। अगर बात करें पचंक की तो यह शुरु हो गए हैं, इस पांच दिवसीय चरण का पालन करना बहुत ज़रूरी है, खास तौर पर दशहरा के त्यौहार के बाद, क्योंकि पारंपरिक रूप से माना जाता है कि इस दौरान कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित है। आइए जानते हैं इन दिनों में कौनसे कार्य नहीं करने चाहिए-
पंचक क्या है?
दशहरा के बाद पंचक शुरू हुआ, जो 13 अक्टूबर को दोपहर 3:25 बजे शुरू हुआ और 17 अक्टूबर को सुबह 6:35 बजे समाप्त हुआ। इस अवधि की विशेषता पाँच नक्षत्रों की एक खास संरेखण है: घनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, शतभिषा, उत्तराभाद्रपद और रेवती। जब चंद्रमा इनमें से किसी भी नक्षत्र में रहता है और कुंभ या मीन राशि में होता है, तो पंचक मनाया जाता है।
पंचक के दौरान किन गतिविधियों से बचना चाहिए
दक्षिण दिशा की गतिविधियों से बचें: इस अवधि के दौरान दक्षिण दिशा की ओर निर्देशित गतिविधियों में शामिल होना बहुत अशुभ माना जाता है।
बिस्तर या खाट नहीं बनाना: अनजाने में भी बिस्तर या खाट बनाना हतोत्साहित करने वाला है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से पिछले प्रयास बर्बाद हो जाते हैं।
लकड़ी के संग्रह या खरीद से बचें: पंचक के दौरान लकड़ी प्राप्त करना या इकट्ठा करना उचित नहीं है।
निर्माण संबंधी सावधानियाँ: यदि आप घर बना रहे हैं, तो इस दौरान छत न बनवाएँ।
नए व्यवसाय में देरी करें: पंचक के दौरान नया व्यवसाय खोलना बहुत अशुभ माना जाता है, इसलिए ऐसी किसी भी योजना को स्थगित करना सबसे अच्छा है।