पुराने साल के अंत के साथ ही नए साल की शुरुआत हो चुकी है ऐसे में देश में तीसरी लहर की आशंका लगातार बनी हुई है कोरोना के केस भी बढ़ रहे हैं हालांकि इसी बीच राहत देने वाली कई खबरें भी आई है देश में ओमीक्रॉन के मामले लगातार बढ़ रहे हैं लेकिन ज्यादातर लोगों में लक्षण हल्के दिखाई दे रहे हैं अच्छी बात यह है कि ओमीक्रॉन से संक्रमित ज्यादातर मरीज घर पर ही ठीक हुए हो रहे हैं।

एम्स के डायरेक्टर ने खुद इस बात की जानकारी दी है डॉ रणधीर गुलेरिया के मुताबिक उनकी तीसरी लहर तो आ रही है लेकिन इसकी बात की संभावना कब है कि कम लोगों को ही हॉस्पिटल और ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत पड़ेगी पिछली बार की गलतियां नहीं दोहरानी चाहिए दिल्ली में कुछ ऐसा ही देखा जा रहा है शहर में केस तो बढ़ रहे हैं लेकिन हॉस्पिटल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में पिछली बार की तुलना कमी देखी गई है।

वहीं दुनियाभर से हो रही स्टडी के अनुसार ओमीक्रॉन वेरिएंट को कोरोना की आखिरी स्टेज बताई जा रही है वैज्ञानिकों के अनुसार वैरीअंट डेल्टा जैसा जानलेवा नहीं है बल्कि दुनिया में कोरोना के खात्मे की पहली सीढ़ी है वैज्ञानिकों का मानना है कि जब किसी देश में साठ से सत्तर परसेंट लोगों में इन्फेक्शन या टीके से एंटीबाडीज आ जाती है तो नया mutated वायरस अपने आप को कमजोर और शरीर के लिए कम घातक बनाने लगता है हालांकि यह फैलता तेजी से है ताकि वह ज्यादा से ज्यादा इंसानों में अपना शरीर का शरीर में घर बना ले लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है।

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