ऋषिकेश में बन रहा है भारत का पहला शीशे का पुल, लक्ष्मण झूले की जगह अब इसे किया जायेगा शुरू, जानिए कब पूरा होगा निर्माण
उत्तराखंड के एक शहर ऋषिकेश को योगनगरी के नाम से जाना जाता है। पवित्र गंगा नदी के तट पर बसा यह शहर बेहद खूबसूरत है। दुनिया भर से पर्यटक यहां आते हैं। यहां आने वाले हर व्यक्ति को गंगा नदी के ऊपर लक्ष्मण झूला के दर्शन अवश्य करने चाहिए। हालांकि, लगभग 100 साल पुराना पूल अब बंद हो गया है और सुरक्षा कारणों से यातायात प्रतिबंधित है। इसकी जगह प्रशासन एक और पूल तैयार कर रहा है जो कांच का बनाया जा रहा है।
उत्तराखंड सरकार का लोक निर्माण विभाग यहां ऋषिकेश में बजरंग सेतु का निर्माण कर रहा है, जो लक्ष्मण झूला पूल का विकल्प होगा। लोक निर्माण विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इस पूल का निर्माण कार्य माह जुलाई 2023 में पूरा कर लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि गंगा के दोनों किनारों पर नए पूल की नींव का काम चल रहा है. बजरंग सेतु के दोनों ओर जो मीनारें बन रही हैं, वे केदारनाथ मंदिर के मॉडल पर बन रही हैं।
उन्होंने बताया कि टावर की ऊंचाई करीब 27 मीटर होगी। पूरी तरह से 133 मीटर लंबा और आठ मीटर चौड़ा यह पूल तीन लेन का होगा। इस पूल से दोपहिया वाहन भी गुजर सकते हैं। छोटे चौपहिया वाहन भी पूल से होकर गुजर सकते हैं। दोपहिया व चौपहिया वाहनों के लिए पूल के बीच में ढाई मीटर डबल लेन होगी। पूल के दोनों ओर कांच का वॉकवे होगा। इस पर खड़े होकर तीर्थयात्री इस पर चल सकते हैं और 57 मीटर की ऊंचाई से गंगा नदी के बहते पानी का शानदार नजारा देख सकते हैं।
12 जुलाई 2019 को लोक निर्माण की एक सेफ्टी ऑडिट रिपोर्ट में पूल को जनता के लिए असुरक्षित पाया गया और प्रशासन ने इसे बंद कर दिया। उसके बाद नया पूल बनाने की तैयारी शुरू की गई, जिसकी जिम्मेदारी लोनिव को सौंपी गई है। लक्ष्मणझुला पूल जुलाई, 2019 से जनता के लिए बंद है। यहां दोनों तरफ का बाजार भी प्रभावित हुआ है क्योंकि पूल का कोई विकल्प नहीं है। जल्द ही यहां बजरंग सेतु का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा, जो देश-विदेश के पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनेगा। इस पुल को अत्याधुनिक, उत्कृष्ट कृति के रूप में विकसित किया जाएगा।