त्रेतायुग में पांडवों ने इसलिए करवाया था केदारनाथ मंदिर निर्माण, जानिए इसके पीछे की पूरी कहानी
न्यूज डेस्क। सनातन धर्म सभी धर्मों में सबसे प्राचीन धर्म हैं जिसमें भगवान भोलेनाथ का दर्जा सभी देवी देवताओं से ऊंचा है इसीलिए उन्हें महादेव भी कहते हैं तो वहीं सनातन धर्म को मानने वालों की भगवान शिव के ज्योतिर्लिंगों में गहरी आस्था है ऐसा ही एक ज्योतिर्लिंग है केदारनाथ जोकि हिमालय पर्वत श्रृंखला पर स्थित है जहां पर भगवान शिव का निवास स्थान है।
शिव पुराण के अनुसार केरादनाथ के बारे में यह जानकारी मिलती है की केदारनाथ मंदिर का निर्माण त्रेतायुग में पांडवों के द्वारा किया गया था लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे है की आखिर पांडवों को ऐसी क्या जरूरत पड़ गई थी की पांडवों को केदारनाथ मंदिर का निर्माण करवाना पड़ा था तो चलिए जानते हैं।
शिव पुराण के अनुसार महाभारत युद्ध में विजय बाद युधिष्ठिर को हस्तिनापुर का राजा बनाया गया था एक दिन सभी पांडव भगवान श्री कृष्ण के साथ बैठकर युद्ध की चर्चा कर रहे थे तो पांडवों ने भगवान कृष्ण से कहा की माधव हम सभी भाइयों पर ब्रम्ह हत्या के साथ अपने बंधु बांधवों की हत्या पाप लगा है कृपा करके हमें इस कलंक से मुक्ती का कोई उपाय बताएं।
तब श्रीकृष्ण ने पांडवों से कहा हे भ्राताओ इस पाप से मुक्ति मिलना बहुत कठिन है इस पाप से मुक्ती आप सभी को भगवान शिव ही दिला सकते है इसलिए तुम सभी उनकी शरण में जाकर अपने पापों को प्रायश्चित करो इसके बाद सभी पांडव द्रौपदी के सहित हस्तिनापुर छोड़कर शिव जी की तलाश केदारनाथ पहुंचे जहां भगवान शिव ने उन्हें साक्षात प्रकट होकर अपने दर्शन दिए तब पांडवों के पाप का प्रायश्चित हुआ इसके बाद सभी पांडवों ने मिलकर केदारनाथ मंदिर का निर्माण करवाया।