इस समय पूरा देश भीषण गर्मी की मार झेल रहा हैं, इससे राहत पान के लिए लोग कूलर, ऐसी, पंखो का सहारा लेते हैं, लेकिन इन उपकरणों का अत्याधिक उपयोग की वजह से बिजली की खपत ज्यादा होने लगी है, जो बिजली कठौती कारण बनती हैं, जिससे कई घरों में परेशानी बढ़ गई है। इन रुकावटों के बारे में शिकायतें व्यापक हैं, जिससे ऐसे महत्वपूर्ण समय में सेवा वितरण में निष्पक्षता को लेकर चिंताएँ पैदा हुई हैं।

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रखरखाव या अप्रत्याशित घटनाओं के कारण बिजली कटौती समझ में आती है, लेकिन वैध कारणों के बिना जानबूझकर और लगातार रुकावटें मौजूदा नियमों के तहत उपभोक्ताओं को मुआवज़े का हकदार बनाती हैं। अगर आपको इस तरह की जानबूझकर कटौती का सामना करना पड़ता है, तो आपको बिजली कंपनी से मुआवज़ा माँगने का अधिकार है। आइए जानते हैं इसके बारे में-

बाधा का दस्तावेजीकरण करें: आपके द्वारा अनुभव की गई बिजली कटौती की तारीखों, समय और अवधि का रिकॉर्ड रखें। शिकायत दर्ज करते समय यह दस्तावेजीकरण महत्वपूर्ण होगा।

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शिकायत दर्ज करें: अपने बिजली प्रदाता के पास औपचारिक शिकायत दर्ज करें जिसमें सामना की गई बाधाओं का विवरण हो और जानबूझकर की गई कटौती का सबूत दिया गया हो।

मुआवजा मांगें: बिजली मंत्रालय के निर्देशों के अनुसार, उपभोक्ता न केवल बिजली कटौती के लिए बल्कि कनेक्शन को फिर से जोड़ने या बदलने या मीटर लोड में समायोजन जैसी विभिन्न सेवाओं के लिए भी मुआवज़ा पाने के हकदार हैं।

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जानबूझकर की गई बाधा को साबित करें: जानबूझकर की गई बिजली कटौती के लिए सफलतापूर्वक मुआवज़ा पाने के लिए, आपको यह साबित करना होगा कि बिजली कंपनी ने बिना किसी उचित कारण के जानबूझकर आपूर्ति बाधित की।

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