इंटरनेट डेस्क: जिंदगी मेें खुशियां हर कोइ चाहता है जिसके लिए वह कुछ न कुछ उपाए करते रहते है जिससे घर में सुख शांति बनी रह सके हिन्दू धर्म में भक्तों मेंं भगवान के प्रति अटूट विश्वास देखने को मिलता है विशेष पूजा अर्चना कर भगवान को प्रसन्न करते रहते है जिससे खुशहाली रहे इसी तरह कहा गया है की भगवान विष्णु जी की आरती करने से मन शांत होने लगता है साथ ही बुरे विचार दिमाग से दूर होने लगते है


कहा जाता है ॐ जय जगदीश हरे यह आरती विष्णु जी के प्रति भक्तों का आत्समर्पण व्यक्त करता है जी हा दरअसल, यह एक ऐसी आरती है जिसे हर व्यक्ति अपने किसी भी पूजा पाठ के समय की जाती है अक्सर घर में सुख शांति के लिए की गई पूजा के समय भी आरती की जाती है इसके गायन से सभी देवी देवता का पुण्य प्राप्त होता है आइए जानते है इस आरती को जिसे रोज करने से आपकों लाभ और धन.धान्य मिल सकता है ये है वो..

ॐ जय जगदीश हरे,

स्वामी जय जगदीश हरे |

भक्त जनों के संकट,

दास जनों के संकट,

क्षण में दूर करे |

जो ध्यावे फल पावे,

दुःखबिन से मन का,

स्वामी दुःखबिन से मन का |

सुख सम्पति घर आवे,

सुख सम्पति घर आवे,

कष्ट मिटे तन का |

शरण गहूं किसकी,

स्वामी शरण गहूं मैं किसकी |

तुम बिन और न दूजा,

तुम बिन और न दूजा,

आस करूं मैं जिसकी |

तुम पूरण परमात्मा,

तुम अन्तर्यामी,

स्वामी तुम अन्तर्यामी |

पारब्रह्म परमेश्वर,

पारब्रह्म परमेश्वर,

तुम सब के स्वामी |

तुम करुणा के सागर,

तुम पालनकर्ता,

स्वामी तुम पालनकर्ता |

मैं मूरख फलकामी

मैं सेवक तुम स्वामी,

कृपा करो भर्ता |

ॐ जय जगदीश हरे ||

तुम हो एक अगोचर,

सबके प्राणपति,

स्वामी सबके प्राणपति |

किस विधि मिलूं दयामय,

किस विधि मिलूं दयामय,

तुमको मैं कुमति |

ॐ जय जगदीश हरे ||

दीन-बन्धु दुःख-हर्ता,

ठाकुर तुम मेरे,

स्वामी रक्षक तुम मेरे |

अपने हाथ उठाओ,

अपने शरण लगाओ

द्वार पड़ा तेरे |

ॐ जय जगदीश हरे ||

विषय-विकार मिटाओ,

पाप हरो देवा,

स्वमी पाप हरो देवा |

श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ,

श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ,

सन्तन की सेवा |

ॐ जय जगदीश हरे ||

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