पितृपक्ष का आरंभ आश्विन मास महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से होता है, जो आश्विन अमावस्या तिथि को समाप्त होता है। इस साल पितृपक्ष 20 सितंबर से शुरू हुए हैं और यह महापर्व 6 अक्टूबर 2021 तक मनाया जाएगा। इस दौरान पितरों को तृप्त करने के लिए उन्हें भोग लगाते हैं और कई अन्य काम करते हैं। ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। हिंदू धर्म के अनुसार, पितृपक्ष में पितरों के लिए श्राद्ध, तर्पण जैसे कार्य करना बहुत शुभ माना जाता है।

अगर पितृपक्ष के दौरान किसी व्यक्ति की कुंडली में पितृ दोष है तो कुछ उपाय को करके इससे छुटकारा पाया जा सकता है। आज हम आपको बताएंगे कि कैसे आप पितृ दोष को दूर कर सकते हैं।

पितृ दोष दूर करने के उपाय


1. पितृ दोष को दूर करने के लिए श्राद्ध पक्ष में पंचबली भोग लगाना चाहिए। पंचबली भोग में गाय, कौवा, कुत्ता, देव और चींटी आते हैं।15 दिनों तक लगातार कौवों को खाना भी खिलाना चाहिए। इस से कुंडली से पितृ दोष दूर होता है।

2. घर की दक्षिण दिशा में पूर्वजों की तस्वीर लगानी चाहिए। इस से भी पितृ दोष दूर होता है। इसके साथ ही आप जब भी घर से बाहर जाएं या फिर किसी शुभ कार्य के लिए घर से बाहर जा रहे हैं तो उस दौरान आपको पितरों का आशीर्वाद लेना चाहिए।

3. पितृ दोष से छुटकारा पाने के लिए इस दिन ब्राह्मणों को या फिर जरूरतमंद लोगों को भोजन जरूर कराएं और उन्हें सम्मान पूर्वक दान-दक्षिणा देकर विदा करें।

पितृ पक्ष में ना करें यह काम


पितृपक्ष के दौरान शाकाहारी भोजन का ही सेवन करना चाहिए।
इन दिनों बाल और नाखून नहीं कटाने चाहिए।
श्राद्ध के दिनों में ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
श्राद्ध कर्म हमेशा दिन में करना चाहिए। सूर्यास्त के बाद श्राद्ध करना अशुभ माना जाता है।
पितृ पक्ष के दिनों में लौकी, खीरा, चना और सरसों का साग का सेवन नहीं करना चाहिए।

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