नाक में उंगली डालने की आदत है तो सावधान हो जाएं, हो सकते हैं भूलने की बीमारी के शिकार
क्या आपको भी है नाक में उंगली डालने की आदत? या क्या आपके किसी दोस्त या रिश्तेदार को भी बार-बार नाक में उंगली डालने की आदत है? यह खबर आपके लिए है अगर आपको ऐसी आदत है और एक शोध में पाया गया है कि यह आदत आपकी याददाश्त को खराब कर सकती है। ऑस्ट्रेलिया की ग्रिफिथ यूनिवर्सिटी के एक शोध में सामने आया है कि नाक में उंगलियां डालने की आदत से अल्जाइमर और डिमेंशिया का खतरा बढ़ सकता है।
आपको बता दें कि अल्जाइमर दिमाग से जुड़ी एक बीमारी है जिसमें लोगों की याददाश्त कमजोर हो जाती है या पूरी तरह नष्ट हो जाती है। अल्जाइमर सोचने और समझने की क्षमता को भी प्रभावित करता है। अल्जाइमर के कारण व्यक्ति दैनिक कार्य भी नहीं कर पाता है। आपको बता दें कि बढ़ती उम्र के साथ यह बीमारी ज्यादा होती है।
इसके अलावा डिमेंशिया दिमाग से जुड़ी बीमारी है। बता दें कि भारत में 40 लाख से ज्यादा लोग किसी न किसी तरह के डिमेंशिया के शिकार हैं। डब्ल्यूएचओ के अनुसार दुनिया भर में 50 मिलियन से अधिक लोग प्रभावित हैं। यह रोग हमारे मस्तिष्क में हिप्पोकैम्पस को प्रभावित करता है और स्मृति हानि का कारण बनता है। हर साल करीब एक करोड़ नए मामले सामने आते हैं।
अध्ययन के अनुसार क्लैमाइडिया न्यूमोनिया नामक जीवाणु भी मनुष्यों को संक्रमित कर सकता है और निमोनिया का कारण बन सकता है। ज्यादातर डिमेंशिया के मरीजों के दिमाग में भी यही बैक्टीरिया पाए गए हैं। ऐसे में दिमाग की कोशिकाएं अमाइलॉइड बीटा प्रोटीन का उत्पादन करती हैं, जो अल्जाइमर के मरीजों के दिमाग में भी बनता है। इस मार्ग से वायरस और बैक्टीरिया मस्तिष्क तक पहुंच सकते हैं क्योंकि मस्तिष्क के अंदरूनी हिस्सों और बाहरी वातावरण के बीच की दूरी कम होती है।