अगर आपको भी अपनी पेंशन पाने में दिक्कत हो रही है, तो आज ही भरे ये फॉर्म, आसानी से मिलेगे पेंशन
यहां भारतीय रेलवे के पेंशनभोगियों के लिए खबर है। खासकर उनके लिए जो हाल ही में सेवानिवृत्त हुए हैं या सेवानिवृत्त होने वाले हैं। अगर आपकी पहली पेंशन बैंक में क्रेडिट नहीं हुई है तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। रेलवे बोर्ड ने इसके लिए खास इंतजाम किए हैं। उन्होंने पेंशन जारी करने वाले अधिकारियों से इस मामले का तत्काल समाधान करने को भी कहा. यह पहल पेंशन प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए की गई है।
फॉर्म में अधूरी जानकारी
रेलवे बोर्ड के एक पत्र के अनुसार जिन रेल कर्मचारियों के पेंशन खाते बैंक ऑफ बड़ौदा में हैं, उनके बीच अधूरी या गलत जानकारी दर्ज की गई है. इसलिए हाल ही में सेवानिवृत्त या सेवानिवृत्त कर्मचारी की पहली पेंशन खाते में जमा नहीं की गई है।
कैसे होगी पेंशन
रेलवे बोर्ड ने बैंक के केंद्रीय पेंशन विभाग को ऐसे रेल कर्मचारियों से नया लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) लेकर पेंशन शुरू करने का निर्देश दिया है ताकि उनकी समस्याओं का समाधान किया जा सके.
पेंशन प्रक्रिया
रेलवे बोर्ड के संयुक्त निदेशक, वित्तीय, अजय बर्तवाल के अनुसार, बैंक को पीपीओ के साथ अधूरे एलओयू मिले थे। साथ ही बोर्ड द्वारा दिया गया प्रस्तावित प्रारूप उससे मेल नहीं खाता। इसलिए पेंशन प्रक्रिया को सरल बनाया जा रहा है। अब इसे सेवानिवृत्त कर्मचारी ही भरेगा।
अब क्या होगा
बैंक ऑफ बड़ौदा का पेंशन जारी करने वाला विभाग फिर से पेंशनभोगियों से एलओयू लेगा, जिसमें सारी जानकारी दर्ज की जाएगी. इसके बाद वह अपनी पेंशन की घोषणा करेंगे। रेलवे बोर्ड के अनुसार भविष्य में ऐसी समस्या उत्पन्न नहीं होनी चाहिए। सभी अधिकारी इस ओर ध्यान दें और उचित कार्रवाई करें।
प्रमोशन जल्द होगा
इससे पहले रेल मंत्रालय ने उन रेल कर्मचारियों की तत्काल पदोन्नति के आदेश दिए थे जिनकी पदोन्नति रोक दी गई है। उनके नाम का चयन कर विभाग को प्रोन्नति एवं वेतन वृद्धि के लिए भिजवाएं। रेलवे ने कहा कि जिन लोगों को पहली पदोन्नति 30 जून, 2021 को मिली है, उन्हें 1 जनवरी 2022 से वार्षिक वेतन वृद्धि मिलेगी। पदोन्नति में देरी होने पर वेतनवृद्धि का लाभ समय पर नहीं मिलेगा।
एनएफआईआर ने उठाया मुद्दा
रेल कर्मचारियों के संघ एनएफआईआर ने इस मुद्दे को रेल मंत्रालय के समक्ष उठाया था। एनएफआईआर ने कहा कि जोनल रेलवे और प्रोडक्शन यूनिट में कई पद ऐसे हैं जो पदोन्नति के अभाव में खाली हो गए हैं। इससे रेलवे कर्मचारियों को समय पर लाभ नहीं मिल पाता है।