Travel tips - अगर आप भी है एडवेंचर जगहों पर घूमने के शौकीन तो जाए इन 5 जगहों पर
यदि आप डरावनी जगहों के शौकीन हैं तो हम आपको ऐसी जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां आप डर के मारे पागल हो सकते हैं। आइए बात करते हैं उन जगहों के बारे में।
ब्रिज राज भवन होटल, कोटा- राजस्थान के कोटा शहर में ब्रिज राज भवन पैलेस नाम का एक होटल है। यह होटल करीब 178 साल पुराना बताया जाता है। इसे 1980 के दशक में एक हेरिटेज होटल के रूप में बदल दिया गया था और आप सभी को यह जानकर आश्चर्य होगा कि इस जगह को भूतों का घर कहा जाता है। इस जगह पर मेजर बर्टन का भूत रहता है जो किसी को नुकसान नहीं पहुंचाता है।
राजस्थान के भानगढ़ का किला- राजस्थान के अलवर में स्थित भानगढ़ का किला डरावना होने के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है। कहा जाता है कि यहां की हवा में किसी की मौजूदगी महसूस की जा सकती है। लोगों को अचानक बेचैनी होने लगती है। ऐसी अफवाहें हैं कि यहां कई लोग गायब हो गए हैं।
रामोजी फिल्म सिटी, हैदराबाद- तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में स्थित रामोजी फिल्म सिटी को भूतों के घर के रूप में भी जाना जाता है। यहां कई सैनिकों के भूत रहते हैं, यह फिल्म सिटी उसी जमीन पर बनी है, जहां निजामों के समय में युद्ध हुआ करते थे। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह जगह काफी समय से डरावनी है।
शनिवार वाड़ा किला, पुणे- महाराष्ट्र के पुणे शहर में स्थित शनिवार वाड़ा किला पेशवा वंश के शासकों द्वारा बनाया गया था। इस किले की दीवारों में कई कहानियां छुपी हुई हैं। शाही सिंहासन के उत्तराधिकारी, एक राजकुमार की उसके करीबी रिश्तेदारों के आदेश पर हत्या कर दी गई थी। अब आज उनके चीखने-चिल्लाने की आवाजें यहां सुनी जा सकती हैं।
बरोग सुरंग, हिमाचल प्रदेश- हिमाचल प्रदेश की बड़ोग सुरंग को भी भूतिया स्थान माना जाता है। जी हां, और यह शिमला-कालका रोड पर रेलवे स्टेशन के पास स्थित है और इसके खौफ के पीछे की कहानी यह है कि यहां 20वीं सदी की शुरुआत में एक इंजीनियर ने आत्महत्या कर ली थी। टनल नंबर 33 को ही बड़ोग टनल के नाम से जाना जाता है। यह कहानी साल 1903 की है जब ब्रिटिश सरकार ने कर्नल बड़ोग को उस समय के सुनसान इलाके में सुरंग बनाने के लिए नियुक्त किया था।
कर्नल बड़ोग अपने काम में बहुत माहिर थे, लेकिन उनकी गणना में कुछ गलती थी, जिसके कारण सुरंग लगातार गहरी होती जा रही थी। इससे उनकी सारी मेहनत पर पानी फिर गया। इसके बाद कर्नल बड़ोग डिप्रेशन में आ गए, उन्हें लगा कि इसके लिए उन्हें काफी शर्मिंदगी उठानी पड़ेगी। उसने सुरंग के अंदर खुद को गोली मार ली। हालांकि बाद में एक और इंजीनियर ने टनल को पूरा करने का काम किया। कहा जाता है कि कर्नल बड़ोग ने इस जगह को कभी नहीं छोड़ा।