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दोस्तों, आपको बता दें कि भारत के हिंदू धर्मशास्त्रों में ऐसी मान्यता है कि पितृ पक्ष के दौरान पितर लोग 15 दिनों के लिए पृथ्वी पर आते हैं। ऐसा कहा गया है कि इस दौरान पितर अपने परिजनों के आस-पास ही मौजूद रहते हैं, इसलिए उन्हें इन दिनों में ऐसा कोई भी कार्य नहीं करना चाहिए, जिससे पितृगण नाराज हों।

पितृ पक्ष में श्राद्धकर्म करने के लिए कुछ विशेष तिथियां भी निर्धारित की गई हैं, जिस दिन जातक अपने पितरों की संतुष्टि के लिए श्राद्धकर्म के तहत पिंडदान आदि करते हैं।

हिंदू धर्मशास्त्रों में कुछ ऐसे नियम बताए गए हैं, जिससे घर पर मौजूद रहकर ही पितरों को श्राद्ध पक्ष में प्रसन्न किया जा सकता है। गया तीर्थ में श्राद्ध कर्म करने के बाद इंसान अपने माता-पिता और गुरू के ऋण से मुक्त हो जाता है।

पितृपक्ष के दौरान पितृगण हमारे आस-पास ही मौजूद रहते हैं, इसलिए ऐसा कोई भी कार्य नहीं करना चाहिए जिससे उनकी आत्मा दुखी हो। पितृ पक्ष में पितृगण धरती पर मौजूद रहने के दौरान अपने संबंधियों को कुछ संकेत देते हैं कि वह आपसे कुछ चाहते हैं।

इस स्टोरी में हम बताना चाहते हैं कि पितृगण श्राद्धपक्ष में किन संकेतों से खुद को आपके पास होने का संकेत देते हैं।

- सपने में सांप का दिखना।

- सपने में पूर्वजों को देखना।

- कहीं कोई ना हो फिर भी किसी के होने का अहसास होना।

- रात्रि में बर्तनों का अचानक गिरना आदि।

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