आखिर भारतीय नोट पर कितनी भाषाएं छपी होती है और इतनी भाषाओं को छापने का क्या महत्व है? जानें
हम सभी इंडियन करंसी का इस्तेमाल करते हैं और नोट का एक डिजाइन होता है। इन पर राष्ट्रिय स्मारक बने हैं और हर एक चिन्ह और डिजाइन का अपना महत्व है। इसके अलावा नोट पर कई भाषाएं भी लिखी होती है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आखिर इतनी भाषाएं नोट पर क्यों छापी जाती है और इनका क्या महत्व होता है।
नोट पर होती हैं 17 भाषाएं
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के अनुसार इंडियन नोट या करंसी पर 17 भाषाएं प्रिंट होती हैं। भारतीय संविधान में किसी भी भाषा को राष्ट्रीय भाषा का दर्जा नहीं मिला और देश में 22 भाषाएं बोली जाती हैं। इसलिए उनमे से 17 भाषाओँ को प्राथमिकता दी गई है।
आपको जानकारी के लिए बता दें कि नोट पर हिंदी और अंग्रेजी के अलावा बंगाली, असमी, गुजराती, कन्नड़, कोंकणी, कश्मीरी, मलयालम, मराठी, उड़िया, नेपाली,संस्कृति, पंजाबी, तमिल, तेलगु और उर्दू शामिल हैं।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने आजाद भारत में पहला नोट एक रुपए का था। 30 नवंबर 1917 को एक रुपए का नोट ब्रिटिश शासन काल में आया था जिस पर जॉर्ज पंचम की फोटो लगी थी।