जयपुर शहर जिन्हे सभी पिंक सिटी के नाम से भी जानते है वैसे तो ऐसी कई चीजे है जिसके लिए जयपुर शहर मशहूर है पर इस शहर का सबसे आकर्षक स्थल हवा महल है और इसके अंदर जाते ही आपको राजपुताना और इस्लामी मुगल वास्तुकला का मेल देखने को मिलता है। आज हम आपको हवा महल से जुडी अनसुनी और दिलचस्प बाते बताने वाले है।

इस महल को एक ताज के आकार में बनाया गया है वैसे कई लोग तो इसके लुक की तुलना कृष्ण के मुकुट से भी करते हैं और वह इसलिए है, क्योंकि सवाई प्रताप सिंह को भगवान कृष्ण का बहुत बड़ा भक्त माना जाता था।

आपको बता दे की हवा महल पांच मंजिला इमारत है पर ठोस नींव की कमी के कारण यह घुमावदार और 87 डिग्री के कोण पर झुकी हुई है। वही बात करे इसके गुलाबी रंग के बारे में तो वह प्राकृतिक बलुआ पत्थर की वजह से है और जयपुर को अपना नाम ‘पिंक सिटी’ इसी की झ से मिला है।

इसका मुख्य आकर्षण इसकी 953 खिड़कियां हैं जो की इसके फीता जैसी दीवारों को कवर करती हैं। बताते चले की इस महल को खास रूप से राजपूत सदस्यों और खासकर महिलाओं के लिए बनवाया गया था, ताकि शाही महिलाएं नीचे की गली में हो रहे रोजाना के नाटक नृत्य को देख सकें न सिर्फ इन खिड़कियों से न सिर्फ शानदार हवा बल्कि शहर का शानदार नजर भी दीखता है।

हवा महल भारत में राजपूत वास्तुकला के सर्वोत्तम उदाहरणों में से एक है।वही बात कर इसके अंदर के नजर के बारे में तो अंदर इस्लामी मुगल और हिंदू राजपूत वास्तुकला का मिश्रण दिखाई देगा। जहा इस्लामी शैली स्पष्ट रूप से मेहराबों और पत्थर की जड़ाई के काम देखने को मिला है तो वही राजपूत शैली को बांसुरी वाले खंभों, छतरियों और अन्य पुष्प पैटर्न के रूप में देखा जा सकता है।

दिलचस्प बात ये है की हवा महल में चढ़ने के लिए कोई सीढ़ियां नहीं हैं। जी हाँ आप रैंप के जरिए हर एक मंजिल तक पहुंच सकते हैं। महल को सिटी पैलेस के एक हिस्से के रूप में बनाया गया था, इसलिए बाहर से कोई प्रवेश द्वार नहीं है। आपको सिटी पैलेस की तरफ से प्रवेश करना होगा।गर्मियों में राजस्थान का तापमान बहुत ज्यादा बढ़ जाता है पर फिर भी यह महल गर्मियों में इतना गर्म नहीं रहता है और इसके पीछे का कारण यहां की 953 छोटी-छोटी खिड़कियां हैं।

आपको काफी हैरानी होगी के पूरी इमारत बिना किसी ठोस नींव के रखी गई है वैसे हवा महल दुनिया के गगनचुंबी इमारतों की तुलना में उतना लंबा नहीं है पर बिना किसी नींव के दुनिया की सबसे ऊंची इमारतों में से एक माना जाता है।वही बात करे इसके नाम के बारे में तो कहा जाता है की हवा महल का नाम यहां की 5 वीं मंजिल के नाम पर रखा गया है, क्योंकि 5 वीं मंजिल को हवा मंदिर के नाम से जाना जाता है, इसलिए इसका नाम हवा महल रखा गया।

Related News