हर इंसान का एक सपना होता है कि उसका खुद का एक घर हो, लेकिन आज के परिदृश्य और खर्चो को देखकर ऐसा लगता है ये सपना केवल सपना ही रह जाएं, ऐसे में कई घर बनाने के लिए होम लोन लेने की सोचते हैं, लेकिन होम लोन लेना एक बड़ी वित्तीय जिम्मेदारी होती है, और इसे लेने से पहले कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना जरूरी है। होम लोन की अवधि का चयन, ब्याज दरें, ईएमआई और नकदी प्रवाह की कुछ ऐसी चीजें हैं जिन पर ध्यान दिया जाना चाहिए। आइए जानते हैं इनके बारे में

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होम लोन की अवधि: लंबी या छोटी?

होम लोन की अवधि का चयन करते समय, यह जरूरी है कि दोनों ही शर्तों के अपने फायदे और नुकसान हैं। लंबी अवधि का ऋण:

लंबी अवधि के होम लोन हमेशा हानिकारक नहीं होते। उदाहरण के लिए, यदि आप 50 लाख रुपये का लोन 25 साल में चुकाते हैं, तो आपको लगभग 75.87 लाख रुपये का ब्याज देना होगा। इस अवधि में आपकी मासिक ईएमआई कम होगी, जिससे नकदी प्रवाह की समस्याएं कम हो सकती हैं।

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छोटी अवधि का ऋण:

अल्पकालिक होम लोन में ब्याज लागत पर बचत होती है, जिससे यह वित्तीय रूप से लाभदायक हो सकता है। उदाहरण के लिए, यदि आप 50 लाख रुपये का लोन 15 साल में चुकाते हैं, तो ब्याज केवल 41.28 लाख रुपये होता है। लेकिन, इस विकल्प में मासिक ईएमआई अधिक होती है, जिससे ब्याज प्रवाह की समस्याएं बढ़ सकती हैं। ईएमआई और मासिक आय

मासिक आय और ईएमआई का अनुपात:

विशेषज्ञों के अनुसार, मासिक आय का 40% तक की ईएमआई उपयुक्त मानी जाती है। यदि आप उच्च ईएमआई का विकल्प चुनते हैं, तो यह मुद्रास्फीति प्रवाह की समस्याएं पैदा कर सकता है।

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नकदी प्रवाह की समस्याएं:

अगर किसी व्यक्ति की नौकरी छूट जाती है, या अचानक कोई बड़ा खर्च आ जाता है, तो उच्च ईएमआई प्रबंधन करना मुश्किल हो सकता है। इसलिए, अपने मासिक बजट का ध्यान रखते हुए ईएमआई का चयन करना चाहिए।

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