Health Tips- लीवर के लिए घातक होती हैं यह बीमारियां, इन लक्षणों को ना करें नजरअंदाज
लीवर, शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग, पाचन, रक्त शुद्धि और विषहरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हालाँकि, लीवर के कार्य में व्यवधान विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है। दुर्भाग्य से, लीवर रोग के शुरुआती लक्षण अक्सर नज़रअंदाज हो जाते हैं। आज हम इस लेख के माध्यम से आपको उन बीमारियों के बारे मे बताएंगे जो लिवर पर चुपके से हमला करती हैं और पैर इसका संकेत देते हैं, आइए जानते है इनके बारे में-
पैरों और टखनों में सूजन:
लीवर की क्षति से प्रोटीन उत्पादन कम हो जाता है, जिससे रक्त में तरल पदार्थ जमा हो जाता है। यह द्रव प्रतिधारण पैरों और टखनों में सूजन के रूप में प्रकट होता है।
मकड़ी नस:
पैरों पर लाल या बैंगनी मकड़ी के जाले जैसी नसें, जिन्हें स्पाइडर एंजियोमा कहा जाता है, सिरोसिस जैसी गंभीर यकृत रोग का संकेत दे सकती हैं।
खुजली वाला पैर:
पैरों में अस्पष्ट, लगातार खुजली लिवर की समस्या का संकेत हो सकती है। लिवर की बीमारी के कारण बिलीरुबिन का स्तर बढ़ने से त्वचा में खुजली हो सकती है।
झिझक:
बिना किसी स्पष्ट कारण के पैरों में लगातार ठंडक रहना लिवर की बीमारी का लक्षण हो सकता है। रक्त परिसंचरण पर लीवर के प्रभाव के परिणामस्वरूप हाथ-पैर ठंडे हो सकते हैं।
लिवर रोग के अन्य लक्षण:
पीली त्वचा और आंखें (पीलिया):
लीवर की क्षति के कारण बिलीरुबिन के संचय से त्वचा और आँखों में पीलापन आ जाता है, जिसे पीलिया कहा जाता है।
थकान और कमजोरी:
लीवर की क्षति पोषक तत्वों के अवशोषण को बाधित करती है, जिससे थकान और कमजोरी होती है।
भूख में कमी और मतली:
लीवर पाचन में सहायता करता है, और लीवर की समस्याएं भूख न लगना, उल्टी और मतली के रूप में प्रकट हो सकती हैं।
पेट दर्द और सूजन:
पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में दर्द और सूजन लिवर की बीमारी का संकेत हो सकता है।
निवारक उपाय:
- शराब का सेवन सीमित करें या पूरी तरह बंद कर दें।
- हेपेटाइटिस के खिलाफ टीका लगवाएं।
- स्वस्थ आहार लें और नियमित व्यायाम करें।
- अधिक वजन या मोटापा होने से बचें।
- डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही दवाएँ लें।