करेले का सेवन सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं? करेले और उसका रस ही नहीं, बल्कि करेले के बीज, जड़ और पत्ते भी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। जानिए कैसे करेले, इसके बीज, जड़ और पत्ते स्वास्थ्य लाभ के लिए इस्तेमाल किए जा सकते हैं।

ऐसे करें करेले का इस्तेमाल

पेट में कीटाणु होने पर दो से तीन ग्राम करेले के बीजों को पीसकर खाने से कीटाणु दूर हो जाते हैं। यदि बीज उपलब्ध न हों तो आप दस से बारह मिलीग्राम करेले के पत्तों के रस का भी सेवन कर सकते हैं।

सर्दी-खांसी होने पर आप पांच ग्राम करेले की जड़ को पीसकर उसमें शहद मिलाकर सेवन कर सकते हैं। अगर आप शहद नहीं मिलाना चाहते हैं तो आप इसमें पांच ग्राम तुलसी के पत्ते का रस भी मिलाकर इसका सेवन कर सकते हैं।

गले में सूजन की समस्या को दूर करने के लिए सूखे करेले को सिरके में मिलाकर हल्का गर्म करके गले पर लगाने से सूजन से राहत मिलती है।

ज्यादा बात करने या चिल्लाने से गले की खराश की समस्या से निजात पाने के लिए करेले की पांच ग्राम जड़ों को पीसकर शहद या तुलसी के रस में मिलाकर सेवन करना चाहिए।

करेले की जड़ का सेवन करने से हैजा की समस्या दूर हो जाती है। इसके लिए बीस ग्राम करेले की जड़ को लेकर उबाल लें। इसमें तिल का तेल मिलाकर सेवन करें।


पेट में पानी आना हो तो दस से पंद्रह मिलीग्राम करेले के पत्तों को पीसकर उसका रस निकाल लें और शहद मिलाकर पीने से आराम मिलता है।

मासिक धर्म संबंधी विकारों में भी करेले का सेवन फायदेमंद होता है। इसके लिए दस-पंद्रह करेले के पत्तों का रस निकालकर उसमें काली मिर्च के बीज मिला लें, साथ ही उसमें आधा चम्मच पिपला पाउडर और एक ग्राम अदरक मिलाकर पी लें।

अक्सर बच्चे के जन्म के बाद दूध नहीं बनने की समस्या होती है इसमें करेले की आठ से दस पत्तियों को पानी में उबाल लें, अगर इस पानी को छानकर गर्म रखा जाए तो मां को दूध देने की प्रक्रिया तेज हो जाती है.

दाद होने पर करेले के पत्तों को पीसकर उसका रस निकाल कर दाद पर लगाएं।

वायरल फीवर होने पर कारमेल जूस निकालकर उसमें जीरा पाउडर मिलाकर पीएं।

करेले के पत्तों का रस तलवों की सूजन में भी राहत देता है। इसके लिए पत्तों को मसलकर रस निचोड़कर तल पर लगाएं।

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