आयुर्वेद के अनुसार, बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल स्तर गुल्म, कफ और वात दोषों में असंतुलन के कारण होता है। गुल्म दोष के कारण विषाक्त तत्वों का संचय, कफ दोष के कारण रक्त में वसा का बढ़ना और वात दोष के कारण रक्त परिसंचरण में बाधा इस समस्या में योगदान करती है। ऐसे में अगर आप कोलेस्ट्रॉल लेवल सही रखना चाहते हैं, तो अपने आहार में इन जड़ी बूटियों के करें शामिल-

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अर्जुन छाल:

अर्जुन की छाल को हृदय के लिए अत्यधिक लाभकारी जड़ी बूटी माना जाता है। यह रक्त शुद्धि और परिसंचरण में सहायता करता है। अर्जुन की छाल के पाउडर को दूध के साथ मिलाकर या अर्जुन की छाल वटी का सेवन करके कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम किया जा सकता है।

गुग्गुल:

गुग्गुल, एक और शक्तिशाली आयुर्वेदिक जड़ी बूटी, कोलेस्ट्रॉल कम करने और ट्राइग्लिसराइड के स्तर को कम करने में प्रभावी है। दैनिक आधार पर मध्यम मात्रा में सेवन की सलाह दी जाती है।

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अलसी का बीज:

ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर अलसी के बीज कोलेस्ट्रॉल कम करने और धमनी रक्त प्रवाह में सुधार करने में सहायता करते हैं। अलसी के पाउडर को गुनगुने पानी या दूध में मिलाकर या अलसी को चबाकर भी सेवन किया जा सकता है।

आंवला (Gooseberry):

विटामिन सी से भरपूर आंवला प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है और खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है। आंवले का सेवन विभिन्न रूपों जैसे जूस, सब्जी, अचार या जैम के रूप में किया जा सकता है।

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ग्रीन टी:

एंटीऑक्सीडेंट युक्त ग्रीन टी खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने और रक्त को शुद्ध करने में सहायता करती है। ग्रीन टी के नियमित सेवन से बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल के स्तर को प्रभावी ढंग से कम किया जा सकता है।

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