जैसे जैसे गर्मी बढ़ती है डिहाइड्रेशन की समस्या आपको परेशान करने लगती हैं, इस बार गर्मी ने अपने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं, खासकर उत्तर भारत में जहां के कई इलाको में पारा 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया हैं, इस भीषण गर्मी में बच्चों और बुजुर्गो का विशेष ख्याल रखना चाहिए, खासकर बुजुर्गों का उनको डिहाइड्रेशन की समस्या बहुत अधिक होती हैं, आइए जानते हैं इसका कारण-

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प्यास की अनुभूति में कमी

जैसे-जैसे लोगों की उम्र बढ़ती है, उन्हें प्यास कम लगने लग जाती है। इसका मतलब यह है कि जब उनके शरीर को पानी की ज़रूरत होती है, तब भी उन्हें प्यास नहीं लगती और इस तरह वे पर्याप्त पानी नहीं पी पाते। इससे निर्जलीकरण का जोखिम बढ़ जाता है।

किडनी की कार्यक्षमता में कमी

बढ़ती उम्र के साथ, किडनी की कार्यक्षमता कम होती जाती है। खराब किडनी फ़ंक्शन पूरे शरीर को प्रभावित कर सकता है, जिससे उचित हाइड्रेशन बनाए रखना मुश्किल हो जाता है।

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दीर्घकालिक स्वास्थ्य स्थितियाँ

कई बुज़ुर्ग व्यक्ति गुर्दे की बीमारी, हृदय की समस्याओं और मधुमेह जैसी दीर्घकालिक स्थितियों से पीड़ित होते हैं। ये स्वास्थ्य समस्याएँ शरीर के पानी के संतुलन को बाधित कर सकती हैं, जिससे निर्जलीकरण की संभावना बढ़ जाती है।

दवा के साइड इफ़ेक्ट

बुजुर्ग अक्सर विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के लिए कई दवाएँ लेते हैं। इनमें से कुछ दवाएँ पेशाब की आवृत्ति बढ़ा सकती हैं, जिससे निर्जलीकरण का जोखिम बढ़ सकता है।

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उपाय

तरल पदार्थ के सेवन की निगरानी करें: सुनिश्चित करें कि परिवार के बुज़ुर्ग सदस्य नियमित रूप से पानी पी रहे हैं, भले ही उन्हें प्यास न लगे।

संतुलित आहार: पानी युक्त फलों और सब्जियों से भरपूर आहार को प्रोत्साहित करें।

नियमित जाँच: किडनी के कार्य पर नज़र रखें और स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों की मदद से पुरानी स्थितियों का प्रभावी ढंग से प्रबंधन करें।

हाइड्रेशन रिमाइंडर: पूरे दिन पानी पीने के लिए रिमाइंडर सेट करें या नियमित ब्रेक शेड्यूल करें।

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