जून शुरु होते ही गर्मी ने अपने तेवर दिखाना शुरु कर दिया था और अगर हम बात करें उत्तर भारत की तो यहा के कई इलाकों में पारा 45 से 50 डिग्री तक चला गया हैं, ऐसे में गर्मी से बचने लोग पंखें, कूलर, एयर कंडीशनिंग की तरफ रूख करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि चिलचिलाती बाहरी गर्मी से अचानक एयर-कंडीशन वाले कमरे में जाना गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकता है, आइए जानते है इसके स्वास्थ्य जोखिम के बारे में-

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1. सर्दी और खांसी

तापमान में अचानक बदलाव शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को कम कर सकता है, जिससे सर्दी और खांसी की संभावना बढ़ जाती है।

2. गले में खराश

बाहरी गर्मी से एसी में जाने से गले में जलन हो सकती है, जिससे असुविधा और दर्द हो सकता है क्योंकि ठंडी हवा गले की श्लेष्मा झिल्ली को प्रभावित करती है।

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3. सिरदर्द

तापमान में अचानक बदलाव से सिरदर्द हो सकता है क्योंकि गर्मी से ठंड में बदलाव के कारण रक्त वाहिकाएँ सिकुड़ जाती हैं।

4. मांसपेशियों में दर्द और थकान

शरीर के तापमान में तेज़ उतार-चढ़ाव मांसपेशियों में तनाव और थकान पैदा कर सकता है, जिसके परिणामस्वरूप शरीर में सामान्य दर्द होता है।

निवारक उपाय

1. धीरे-धीरे तापमान समायोजित करें

एसी रूम में प्रवेश करने से पहले, अपने शरीर को धीरे-धीरे समायोजित करने के लिए छायादार या मध्यम गर्म क्षेत्रों में कुछ समय बिताएं।

2. हाइड्रेशन

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गर्मियों में पसीने के कारण होने वाले निर्जलीकरण से निपटने के लिए पर्याप्त पानी का सेवन सुनिश्चित करें, जिससे बेहतर तापमान विनियमन की सुविधा मिलती है।

3. कपड़ों का चुनाव

धूप में ढीले, हल्के कपड़े पहनें ताकि पसीना जल्दी वाष्पित हो और शरीर का तापमान स्थिर रहे।

4. नियंत्रित एसी सेटिंग

एसी को धीरे-धीरे आरामदायक सीमा में समायोजित करके अचानक तापमान गिरने से बचें, आदर्श रूप से 24-26 डिग्री सेल्सियस के बीच।

5. रुक-रुक कर एसी का उपयोग

समय-समय पर एसी बंद करें और कमरे की हवा को ताज़ा करने के लिए खिड़कियाँ खोलें, जिससे तापमान में भारी बदलाव न हो।

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