Health News: एंटीकोलिनर्जिक दवाओं के साथ मनोभ्रंश का खतरा
एंटीकोलिनर्जिक दवाएंपर एक नया अध्ययन किया गया है यह पाया गया है कि जो लोग वर्षों से इन दवाओं का उपयोग कर रहे हैं, उनमें मनोभ्रंश का खतरा बढ़ सकता है। यह एक मानसिक बीमारी है। यह किसी व्यक्ति की याददाश्त को कमजोर करता है। एंटीकोलिनर्जिक दवाओं का उपयोग अवसाद से लेकर मिर्गी तक हर चीज के इलाज के लिए किया जाता है।
ये दवाएं विशेष रूप से बुजुर्गों के लिए अनुशंसित हैं। यह इन दवाओं की एक नई समीक्षा नहीं है, बल्कि जेएएमए इंटरनल मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित एक नया अध्ययन एक व्यापक, अधिक व्यापक विश्लेषण प्रदान करता है। इंग्लैंड के यूनिवर्सिटी ऑफ नॉटिंघम के प्रोफेसर कैरोल कोपलैंड के नेतृत्व में किए गए अध्ययन में 55 साल और उससे अधिक उम्र के 285,000 लोगों को देखा गया। इन लोगों को एंटीकोलिनर्जिक दवाओं को निर्धारित किया गया था।
उनमें से लगभग 59,000 को मनोभ्रंश का निदान किया गया था। पिछला अध्ययन' यह भी पाया गया कि कुछ एंटीकोलिनर्जिक दवाओं के लंबे समय तक उपयोग से बुजुर्गों में मनोभ्रंश का खतरा बढ़ सकता है। संयुक्त राज्य अमेरिका में वाशिंगटन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने 2015 के एक अध्ययन में पाया कि 65 साल से अधिक उम्र के लोगों ने जो दवा ली, उनमें डिमेंशिया विकसित होने का 54 प्रतिशत अधिक जोखिम था।